21.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

कृषि उत्‍पादन पर कमजोर मॉनसून का नहीं होगा खास असर

मुंबई: रिजर्व बैंक ने कहा है कि कमजोर मानसून का देश के कृषि उत्पादन और अर्थव्यवस्था पर सीमित असर ही रहेगा, क्योंकि पिछले एक महीने के दौरान वर्षा की स्थिति में काफी सुधार हुआ है. रिजर्व बैंक की आज जारी 2013-14 की वार्षिक रिपोर्ट में कहा गया है कि मानसून की शेष अवधि (जून से […]

मुंबई: रिजर्व बैंक ने कहा है कि कमजोर मानसून का देश के कृषि उत्पादन और अर्थव्यवस्था पर सीमित असर ही रहेगा, क्योंकि पिछले एक महीने के दौरान वर्षा की स्थिति में काफी सुधार हुआ है. रिजर्व बैंक की आज जारी 2013-14 की वार्षिक रिपोर्ट में कहा गया है कि मानसून की शेष अवधि (जून से सितंबर) में वर्षा यदि सामान्य भी रहती है तो कुछ कमी तो रहेगी लेकिन इसका अर्थव्यवस्था पर बुरा असर नहीं पडेगा.

रिपोर्ट में कहा गया है, ‘आर्थिक वृद्धि, मुद्रास्फीति, वित्तीय और व्यापार घाटे के मामले में कमजोर मानसून का प्रतिकूल असर सीमित रहने की संभावना है. मौजूदा स्थिति के अनुसार मात्रात्मक और गुणात्मकता के लिहाज से कमी वर्ष 2009 के मुकाबले काफी कम रहने की संभावना है.’ अखिल भारतीय स्तर पर 13 अगस्त की स्थिति के अनुसार दीर्घकालिक औसत के हिसाब से वर्षा की कमी 18 प्रतिशत रही है जबकि इसी अवधि में पिछले साल इसमें 12 प्रतिशत अधिकता थी. मानसून की स्थिति में 13 जुलाई के बाद काफी सुधार हुआ है. तब मानसून में 43 प्रतिशत कमी दर्ज की गई थी.

कृषि उत्पादन के लिये मानसून काफी महत्वपूर्ण है. रिजर्व बैंक की रिपोर्ट में कहा गया है खरीफ फसल के तहत बुआई क्षेत्रफल सामान्य से 2.3 प्रतिशत कम रहा है लेकिन वर्ष 2009 में जब देश में सूखा पडा था, उसके मुकाबले वर्तमान क्षेत्रफल 8.9 प्रतिशत अधिक है. रिपोर्ट के अनुसार पिछले पांच साल के दौरान खरीफ और रबी मौसम की फसलें करीब-करीब बराबर हो गई हैं.’ औसत आधार पर पिछले पांच साल के दौरान रबी मौसम की फसल कुछ खाद्यान्न उत्पादन का 50.7 प्रतिशत रहा है.

बुआई के आंकडों के आधार पर अब यह लगता है कि उत्पादन में कमी मुख्यतौर पर मोटे अनाज, दलहनों के स्तर पर रह सकती है.’ रिजर्व बैंक ने कहा है कि जलाशयों में पानी का स्तर संतोषजनक स्तर पर है. 13 अगस्त की स्थिति के अनुसार देश के 85 प्रमुख जलाशयों में पिछले 10 साल के औसत स्तर के मुकाबले 14 प्रतिशत अधिक जल है, हालांकि पिछले साल इसी तिथि के मुकाबले यह 12 प्रतिशत कम है. केंद्रीय बैंक के अनुसार यदि मानसून शेष अवधि में फिर से कमजोर पडता है तो जलस्तर में कमी के कारण बिजली उत्पादन पर हल्का असर पड सकता है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि जलविद्युत उत्पादन में पिछले साल दर्ज की गई 18.6 प्रतिशत वृद्धि के मुकाबले कुछ कमी आने की संभावना के बावजूद विद्युत उत्पादन में कुल मिलाकर स्थिति उत्साहवर्धक बनी हुई है. ताप विद्युत क्षेत्र में वर्ष के दौरान स्थापित क्षमता में 8.9 प्रतिशत वृद्धि की उम्मीद है. देश के कुल विद्युत उत्पादन में ताप विद्युत का 82 प्रतिशत योगदान है. वर्ष के दौरान परमाणु बिजली की स्थापित क्षमता में भी 41.8 प्रतिशत वृद्धि की उम्मीद है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें