सरकार पेश करेगी नया अनुमान
दिसंबर तक जीडीपी विकास दर में आ सकती है तेजी नयी दिल्ली : देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने की दिशा में सरकार ने तेजी से पहल करना शुरू कर दिया है. संभावना जाहिर की जा रही है कि आगामी दिसंबर महीने में सरकार की ओर से सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की विकास दर […]
दिसंबर तक जीडीपी विकास दर में आ सकती है तेजी
नयी दिल्ली : देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने की दिशा में सरकार ने तेजी से पहल करना शुरू कर दिया है. संभावना जाहिर की जा रही है कि आगामी दिसंबर महीने में सरकार की ओर से सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की विकास दर को बढ़ाने के लिए नये अनुमान जोड़े जा सकते हैं.
हालांकि, जिस अनुमान को सरकार दिसंबर में जोड़ने की पहल करने जा रही है, उसका देश में लंबे समय से इंतजार किया जा रहा है. इसके जोड़े जाने के बाद अर्थव्यवस्था के आकार में बढ़ोतरी होने के साथ ही विकास दर में भी तेजी आने की संभावना है. बताया जा रहा है कि सरकारी अनुमानों की इस सीरीज का पहला डाटा दिसंबर तिमाही के दौरान पेश किया जायेगा और यह दिसंबर, 2015 को जारी होगा.
नये अनुमान में यह भी बताया गया है कि अभी देश की अर्थव्यवस्था का आकार 1.87 लाख करोड़ रुपये का है, जो वास्तविकता से करीब 2-3 फीसदी कम है. वहीं, कुछ विशेषज्ञों का यह भी कहना है कि आनेवाले दिनों में यह अर्थव्यवस्था की इस खाई में हालांकि बढ़ोतरी होने के आसार भी अधिक है. सूत्रों का कहना है कि सरकार राष्ट्रीय खातों में कृषि और कॉरपोरेट क्षेत्र में डाटा कवरेज को बढ़ाने की तैयारी कर रही है.
भारतीय कंपनियों के लिए दिसंबर महत्वपूर्ण
देश के आर्थिक माहौल में तेजी से सुधार होने की उम्मीद के बीच भारतीय नियोक्ता दूसरे देशों के नियोक्ताओं की तुलना में नयी नियुक्तियों को लेकर काफी आशावान हैं. मंगलवार को जारी मैनपावर एंप्लायमेंट आउटलुक सर्वे के मुताबिक, भारतीय नियोक्ताओं को अगले तीन महीने के दौरान ‘जबरदस्त’ नियुक्तियां होने की उम्मीद है. 46 प्रतिशत नियोक्ता इस दौरान अपने कर्मचारियों की संख्या बढ़ाने की योजना बना रहे हैं.
वैश्विक स्तर पर चौथी तिमाही में भारत, ताइवान और न्यूजीलैंड में नियुक्ति को लेकर विश्वास सबसे मजबूत है, जबकि स्पेन, इटली, आयरलैंड, चेक गणराज्य और फिनलैंड में यह विश्वास कमजोर है. मैनपावरग्रुप इंडिया के प्रबंध निदेशक एजी राव ने कहा कि भारतीय नियोक्ताओं को भरोसा है कि देश में स्थायी सरकार बनने से नौकरी के बाजार पर उत्साहजनक प्रभाव पड़ेगा.
म्यूचुअल फंड स्कीमों में एक लाख करोड़ का निवेश
निवेशकों ने अगस्त में विभिन्न म्यूचुअल फंड स्कीमों में एक लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का निवेश किया. यह लगातार दूसरा महीना रहा जब स्कीमों ने निवेशकों को आकर्षित किया. सेबी के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, निवेशकों ने पिछले महीने म्यूचुअल फंड स्कीमों में 1,00,181 करोड़ रुपये निवेश किया, जबकि जुलाई में निवेशकों ने 1,13,216 करोड़ रुपये का निवेश किया था. इससे पहले जून में निवेशकों ने 59,726 करोड़ रुपये बाहर निकाले थे.
सकल आधार पर, म्यूचुअल फंडों ने अगस्त में 43.67 लाख करोड़ रुपये जुटाये, जबकि इस दौरान 42.67 लाख करोड़ रुपये का विमोचन हुआ. इससे शुद्ध निवेश प्रवाह एक लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा.
एक दिन की उफान के बाद बाजार ने फिर लगाया गोता
मुंबई. मुनाफावसूली का दौर चलने से मंगलवार को बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स व नेशनल स्टाक एक्सचेंज का निफ्टी अपने रिकॉर्ड स्तर से नीचे आ गये. निवेशकों ने हाल में बेहतर प्रदर्शन करने वाले आइसीआइसीआइ बैंक, इंफोसिस, एलएंडटी व ओएनजीसी में मुनाफा काटा. सेंसेक्स में जहां 55 अंक की गिरावट आयी, वहीं निफ्टी 21 अंक टूट गया.
सुप्रीम कोर्ट में कोयला ब्लॉक आवंटन मामले की सुनवाई की वजह से भी बाजार में सतर्कता का रुख था. बंबई शेयर बाजार का 30 शेयरांेवाला सेंसेक्स 27,177.09 से 27,328.27 अंक के दायरे में घूमने के बाद अंत में 54.53 अंक या 0.20 प्रतिशत की गिरावट के साथ 27,265.32 अंक पर आ गया.
डॉलर के मुकाबले 31 पैसे टूटा : अमेरिकी ब्याज दरों के जल्द बढ़ने की चिंताओं के कारण रुपया मंगलवार को छह सप्ताह के उच्चतम स्तर से लुढ़क गया और रुपये में एक दिन की सर्वाधिक हानि देखी गयी, जब यह 31 पैसों की जोरदार गिरावट के साथ 60.60 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुआ.
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