नयी दिल्ली : पूर्वी अपतटीय क्षेत्र में रिलायंस इंडस्ट्रीज की प्राकृतिक गैस परियोजना में प्रस्तावित 10 अरब डालर का निवेश सरकार द्वारा कंपनी के लिए स्वीकार्य गैस मूल्य की मंजूरी पर निर्भर करेगा. रिलायंस इंडस्टरीज की कनिष्ठ भागीदार निको रिसोर्सेज ने आज यह बात कही. रिलायंस इंडस्टरीज ने कृष्णा गोदावरी बेसिन के केजी-डी 6 ब्लाक और ओडिशा तट के एनईसी-25 क्षेत्र में अपने भागीदारों ब्रिटेन की बीपी पीएलसी व निको रिसोर्सेज के साथ प्राकृतिक गैस की कई खोजें की हैं.
कंपनी की इन क्षेत्रों से अगले कुछ साल में उत्पादन शुरु करने की विस्तृत योजना है. कनाडा की कंपनी निको रिसोर्सेज ने कल अपनी सालाना आम बैठक के प्रस्तुतीकरण में कहा, ”भारत में योजनागत निवेश स्वीकार्य गैस मूल्य पर निर्भर करेगा.” पूर्ववर्ती संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार द्वारा मंजूर फार्मूले के अनुसार प्राकृतिक गैस का दाम दोगुना यानी 8.4 डालर प्रति इकाई (एमबीटीयू) हो जाएगा.
वहीं मौजूदा नरेंद्र मोदी सरकार इसकी समीक्षा कर रही है. सरकार द्वारा माह के अंत तक इस पर निर्णय की उम्मीद है. निको ने कहा कि आर-श्रृंखला के गैस क्षेत्रों के अलावा केजी-डी 6 ब्लाक की सैटेलाइट खोजों के विकास के लिए निवेश का फैसला सरकार के गैस मूल्य के विवाद के अनुकूल निपटान पर निर्भर करेगा. भागीदारों का कहना है कि मौजूदा 4.2 डालर प्रति इकाई के मूल्य पर नए गैस क्षेत्रों का विकास आर्थिक दृष्टि से व्यावहारिक नहीं है.
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