तेल कंपनियों ने नहीं घटने दिया डीजल का दाम!

नयी दिल्ली : वैश्विक बाजार में कच्चे तेल की कीमतें घटने के मद्देनजर देश में डीजल इस समय पांच साल में पहली बार 35 पैसे घटाया जा सकता था, मगर तेल कंपनियों ने ऐसा नहीं किया. इसका कारण यह है कि इसे मूल्य नियंत्रणमुक्त करने का निर्णय सरकार ने अभी नहीं किया है. सितंबर के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 17, 2014 10:03 AM

नयी दिल्ली : वैश्विक बाजार में कच्चे तेल की कीमतें घटने के मद्देनजर देश में डीजल इस समय पांच साल में पहली बार 35 पैसे घटाया जा सकता था, मगर तेल कंपनियों ने ऐसा नहीं किया. इसका कारण यह है कि इसे मूल्य नियंत्रणमुक्त करने का निर्णय सरकार ने अभी नहीं किया है. सितंबर के पहले पखवाड़े में डीजल का नियंत्रित खुदरा मूल्य और इसके आयात की लागत से मात्र आठ पैसे कम था, पर कंपनियां अब 35 पैसे प्रति लीटर का मुनाफा कमा रही है.

एक अधिकारी ने कहा कि जब मुनाफा हो, तो कीमत घटानी चाहिए. तेल कंपनियां इसे रोक रही हैं, क्योंकि उन्हें सरकार के डीजल मूल्य के नियंत्रणमुक्त किये जाने से जुड़े फैसले का इंतजार है. अगर डीजल के दाम में कमी होती है, तो यह पांच साल में पहली कमी होगी. डीजल की कीमत में गिरावट 29 जनवरी, 2009 को की गयी थी, जब उन्होंने कीमत दो रुपये प्रति लीटर घटा कर 30.86 रुपये किया गया था.

उसके बाद से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तेल की कीमत चढ़ती गयी. जनवरी, 2013 से डीजल की कीमत हर महीने 50 पैसे बढ़ायी जाती रही है, ताकि खुदरा मूल्य और आयातित लागत के बीच के फासले को पाटा जा सके. अधिकारी ने कहा कि पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान वियतनाम की आधिकारिक यात्रा पर हैं. उनके लौटने पर ईंधन की कीमत को नियंत्रणमुक्त करने के संबंध में चर्चा की जायेगी. डीजल के नियंत्रणमुक्त होने पर कंपनियों को लागत के अनुरूप कीमत में बदलाव करने का अधिकार होगा. पेट्रोल के मामले में जून, 2010 से यह व्यवस्था लागू है.

कंपनियों ने पेट्रोल की कीमत में भी बदलाव नहीं किया है, जिसमें 54 पैसे की बढ़ोतरी होनी थी, क्योंकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसकी कीमत बढ़ी है. अधिकारी ने कहा कि महाराष्ट्र और हरियाणा में चुनाव होने हैं. ऐसे में हो सकता है कि कीमत बढ़ाना लोकप्रिय फैसला नहीं हो.

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