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रीयल एस्टेट के क्षेत्र में पारदर्शिता लायेंगे : वेंकैया नायडू

नयी दिल्ली : आवास एवं गरीबी उन्मूलन मंत्री वेंकैया नायडू ने आज कहा कि रीयल एस्टेट क्षेत्र में नियमन आज के समय की जरुरत है क्योंकि कुछ घटनाओं से इस क्षेत्र की छवि पर ‘नकारात्मक’ प्रभाव पडा है. हालांकि, जो विधेयक होगा उसमें जरुरत से अधिक नियमन नहीं थोपा जायेगा. उन्होंने आश्वस्त किया कि यह […]

नयी दिल्ली : आवास एवं गरीबी उन्मूलन मंत्री वेंकैया नायडू ने आज कहा कि रीयल एस्टेट क्षेत्र में नियमन आज के समय की जरुरत है क्योंकि कुछ घटनाओं से इस क्षेत्र की छवि पर ‘नकारात्मक’ प्रभाव पडा है. हालांकि, जो विधेयक होगा उसमें जरुरत से अधिक नियमन नहीं थोपा जायेगा. उन्होंने आश्वस्त किया कि यह विधेयक रीयल एस्टेट क्षेत्र के सौदों में आवश्यक पारदर्शिता व उचित संचालन उपलब्ध कराएगा.

नायडू ने कहा कि यह किसी तरह की रुकावट खडी नहीं करेगा बल्कि केवल नियमन के लिये होगा. वह यहां एकल खिडकी मंजूरी प्रणाली व रीयल एस्टेट (नियमन व विकास) विधेयक, 2013 पर एक परामर्श बैठक में बोल रहे थे. इस बैठक में डेवलपरों व अन्य मंत्रालयों के अधिकारियों समेत सभी भागीदारों ने हिस्सा लिया. मंत्री ने कहा, ‘हाल के दिनों में जमीन और भवन निर्माण सामग्रियों की कीमतें चढने से शहरी गरीब के लिए मकान खरीदना मुश्किल हो गया है.इसके अलावा, कुछ गैर पेशेवर व असंगठित क्षेत्र के डेवलपरों की ओर से समय पर डिलीवरी की प्रतिबद्धता पूरी नहीं करने और गुणवत्ता में कमी से डेवलपरों व खरीदारों के बीच अविश्वास पैदा हुआ है.’

इस विधेयक का उद्देश्य आवास क्षेत्र में वृद्धि को प्रोत्साहित करना है और यह सरकार के लिए इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि सरकार ने 2022 तक सभी के लिए आवास उपलब्ध कराने का वादा किया है. सरकार का इरादा इस विधेयक को संसद के शीतकालीन सत्र में पेश करने का है. नायडू ने कहा, ‘इसे संसद में पेश करने से पहले हम सभी संबद्ध पक्षों से इस पर सुझाव मांगना चाहते हैं, क्योंकि इस विधेयक को लेकर कई तरह की आशंकायें लोगों में हैं.’ उन्होंने कहा देश की 32 प्रतिशत आबादी शहरों में रह रही है और अगले 20 साल में यह संख्या 50 प्रतिशत तक पहुंच जायेगी.

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