नयी दिल्ली : उच्चतम न्यायालय के 214 कोयला खानों का आवंटन रद्द किये जाने के फैसले को ‘थोडा कठोर’ बताते हुए उद्योग मंडल एसोचैम ने आज कहा कि इससे आयात पर निर्भरता बढेगी. शीर्ष अदालत के निर्णय पर प्रतिक्रिया जताते हुए एसोचैम के अध्यक्ष राणा कपूर ने कहा कि हमारी मुख्य चिंता अर्थव्यवस्था पर पडने वाले नकारात्मक प्रभाव को लेकर है जिसमें दो साल की नरमी के बाद अब पुनरुद्धार के संकेत दिख रहे हैं.
उच्चतम न्यायालय ने विभिन्न कंपनियों को 1993 से आबंटित किए गए 218 कोयला ब्लाकों में से 214 के आबंटन रद्द कर दिये. कपूर ने कहा कि तापीय बिजली पर निर्भरता को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि इससे आर्थिक वृद्धि पर असर पडेगा. साथ ही कोयला आयात पर निर्भरता बढेगी. उन्होंने उम्मीद जतायी कि सरकार कोयला खानों के तेजी से आबंटन को लेकर नई प्रणाली की जल्द घोषणा करेगी.
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