मुंबई : रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने मंगलवार को कहा कि देश में सकल घरेलू उत्पाद वृद्धि दर 2015-16 में बढ़कर 6.3 प्रतिशत हो सकता है. वर्तमान में यह 5.5 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है. मौद्रिक नीति समीक्षा में उक्त बातें कही गयीं. रिजर्व बैंक ने कहा कि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही के दौरान वृद्धि दर 5.7 प्रतिशत रही लेकिन दूसरी तिमाही में यह कम हो सकती है. रिजर्व बैंक की रपट में कहा गया कि वृद्धि में गिरावट में प्रमुखत: मानसून की वर्षा में कमी का हाथ है.
समीक्षा के अनुसार चालू वित्त वर्ष के अंत तक वृद्धि दर में तेजी आने की संभावना है और उम्मीद है कि वैश्विक बाजार में सकारात्मक रुझान के मद्देनजर निर्यात में सुधार होगा और देश में विदेशी कोष का प्रवाह बढेगा. रिजर्व बैंक द्वारा पेशेवर अनुमानकर्ताताओं के सर्वेक्षण में 2014-15 के लिए 5.5 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान जाहिर किया है. उनका अनुमान है कि अलगे वित्त वर्ष में इसमें और सुधार होगा और वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत तक पहुंच सकती है.
वृद्धि संबंधी जोखिम के बारे में रिजर्व बैंक ने कहा है कि वैश्विक सुधार के बारे आशंका, जिंस कीमतों पर किसी प्रकार के प्रतिकूल प्रभाव, अगले वित्त वर्ष में सामान्य से कम बारिश, रुपए में कमजोरी और आपूर्ति क्षमता बढाने में असमर्थता सबसे बडा बाधकारी कारक हो सकते हैं. उल्लेखनीय है कि पिछले लगातार दो वर्ष से देश की आर्थिक वृद्धि पांच प्रतिशत से कमतर रही है. पिछले वित्त वर्ष में यह 4.7 प्रतिशत थी.
रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने कहा कि हालांकि अप्रैल से जून की तिमाही में वृद्धि दर 5.7 प्रतिशत रही लेकिन उन्होंने जुलाई के दौरान औद्योगिक उत्पादन में गिरावट जैसे आंकडों की ओर इशारा करते हुए कहा कि देश की अर्थव्यवस्था में सुधार की प्रक्रिया असमान है.