खुशखबरी! अब महंगाई से मिलेगी निजात, थोक महंगाई दर 5 साल के निचले स्तर पर
नयी दिल्ली : कल ही खुदरा महंगाई दरों में गिरावट की खुशखबरी आयी है उसके एक दिन बाद ही थोक महंगाई दरों में पांच साल की सबसे बड़ी गिरावट से आम जनता ने राहत की सांस ली है. सितंबर में थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति पांच साल के न्यूनतम स्तर 2.38 पर आ गयी. थोकमूल्य […]
नयी दिल्ली : कल ही खुदरा महंगाई दरों में गिरावट की खुशखबरी आयी है उसके एक दिन बाद ही थोक महंगाई दरों में पांच साल की सबसे बड़ी गिरावट से आम जनता ने राहत की सांस ली है. सितंबर में थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति पांच साल के न्यूनतम स्तर 2.38 पर आ गयी. थोकमूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति अगस्त में 3.74 प्रतिशत थी जबकि एक साल पहले सितंबर 2013 में 7.05 प्रतिशत पर रही थी.
सरकार की ओर से जारी आकड़ों के आधार पर खाद्य मुद्रास्फीति करीब ढाई साल के न्यूनतम स्तर 3.52 प्रतिशत पर पहुंच गयी. खाद्य मुद्रास्फीति में मई से गिरावट आ रही है. सितंबर में खुदरा मुल्यवृद्धि में आयी गिरावट के कारण ही यह संभव हो पाया है. खुदरा मूल्यवृद्धि सितंबर में 6.46 प्रतिशत दर्ज की गयी है. प्याज के थोकमूल्य में सितंबर के दौरान 58.12 प्रतिशत गिरावट रही जबकि इससे पिछले महीने 44.7 प्रतिशत की गिरावट दर्ज हुई थी.
सब्जियों के मामले में मुद्रास्फीति सितंबर माह में 14.98 प्रतिशत घट गयी, जबकि आलू के दाम में वृद्धि 90.23 प्रतिशत रही जिसमें पिछले महीने 61.61 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई थी. आंकडों से स्पष्ट होता है कि दूध, अंडा, मांस और मछली की कीमतों में सितंबर में भी गिरावट जारी रही. हालांकि, इस अवधि में फल की कीमत में हल्की सी बढोतरी हुई थी. चीनी, खाद्य तेल, पेय पदार्थों और सीमेंट जैसे विनिर्मित उत्पादों में मुद्रास्फीति सितंबर में घटकर 2.84 प्रतिशत रही जो पिछले महीने 3.45 प्रतिशत रही थी.
आंकडे के मुताबिक थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति में लगातार चौथे महीने गिरावट आयी है. ईंधन और बिजली खंड जिसमें एलपीजी, पेट्रोल और डीजल शामिल हैं, इनमें मुद्रास्फीति घटकर 1.33 प्रतिशत रह गई जो अगस्त में 4.54 प्रतिशत थी. इस बीच जुलाई की थोकमूल्य आधारित मुद्रास्फीति का आंकडा संशोधित होकर 5.41 प्रतिशत पर पहुंच गयी, जबकि अस्थाई आकलन में यह 5.19 प्रतिशत पर थी. सरकारी वक्तव्य के अनुसार सितंबर का थोकमूल्य सूचकांक आधारित आंकडा भी अस्थाई है.
इसमें यह भी कहा गया कि चालू वित्त वर्ष के सितंबर माह तक औसत मुद्रास्फीति की दर 2.61 प्रतिशत रही जो 2013-14 की इसी अवधि में 6.23 प्रतिशत थी. रिजर्व बैंक ने मुद्रास्फीतिक दबावों के मद्देनजर जनवरी से मुख्य दरों को अपरिवर्तित रखा है. मौद्रिक नीति की अगली समीक्षा दो दिसंबर को होनी है. केंद्रीय बैंक मौद्रिक समीक्षा करते हुये प्राथमिक तौर पर उपभोक्ता मूल्य सूचकांक को ध्यान में रखता है.
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