सुषमा ने ब्रिटेन में बसे भारतीयों से कहा, अब लौटने की बारी, देश बुला रहा है
लंदन : विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने ब्रिटेन में बसे भारतीय मूल के लोगों से भारत में निवेश की बात कही. उन्होंने अपनी मातृभूमि में निवेश करने की भावनात्मक अपील करते हुए कहा कि यह समय भारत आकर अपार संभावनाओं के दोहन का है. भारत उनका इंतजार कर रहा है. सुषमा ने कहा, मैं यहां […]
लंदन : विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने ब्रिटेन में बसे भारतीय मूल के लोगों से भारत में निवेश की बात कही. उन्होंने अपनी मातृभूमि में निवेश करने की भावनात्मक अपील करते हुए कहा कि यह समय भारत आकर अपार संभावनाओं के दोहन का है. भारत उनका इंतजार कर रहा है.
सुषमा ने कहा, मैं यहां केवल आपको संबोधित करने नहीं आयी बल्कि आपको आमंत्रित करने आयी हूं, अब समय आ गया है कि आप भारत आयें. वहां अपार संभावनाएं आपका इंतजार कर रही हैं. मैं वादा करती हूं कि मैं आपकी समस्याओं पर ध्यान दूंगी और हर मसले का समाधान करुंगी.
यहां दो दिवसीय क्षेत्रीय प्रवासी भारतीय दिवस की शुरुआत करते हुए सुषमा ने कहा कि वह इस कार्यक्रम को खासी अहमियत देती हैं. उन्होंने कहा यह पहला मौका है जब ब्रिटेन तथा अन्य यूरोपीय देशों में रह रहे भारतीय मूल के लोगों के साथ भारत की नयी सरकार ने इतने बडे स्तर पर संपर्क स्थापित किया है.
भारत के विभिन्न क्षेत्रों में शानदार अवसरों तथा आकर्षक परियोजनओं का उल्लेख करते हुए विदेश मंत्री ने कहा कि वह प्रवासी भारतीयों की चिंताओं से सहमत है जो अपनी मातृभूमि के साथ गहरे संबंध स्थापित करने में और आसानी चाहते हैं.
मौके पर प्रवासी भारतीय उद्योगपति लार्ड स्वराज पॉल ने कहा कि भारत को विदेशों में बसे भारतीयों के लिए अपने निवेश के नियमों को सरल बनाने की जरुरत है ताकि उन्हें लगे कि अपने मूल देश में उनका स्वागत है. पॉल ने कहा कि इससे प्रवासियों को भारत में निवेश के लिए प्रोत्साहन मिलेगा और वे देश का भविष्य सुधाने के अपना योगदान कर सकेंगे.
लंदन में पहले क्षेत्रीय प्रवासी भारतीय दिवस का आयोजन करने के भारत सरकार के कदम का स्वागत करते हुए पॉल ने कहा, दुनिया भारत को मुख्य रुप से प्रवासी भारतीयों के साथ संपर्क के जरिये जानती है और प्रवासियों की सफलता से भारत की छवि अच्छी बनती है.
भारत को इस बात की सराहना करनी चाहिए कि प्रवासी भारतीय वैश्विक स्तर पर भारत को एक पहचान दिलाते हैं. उन्होंने कहा कि प्रवासी भारतीय अपने देश के लिये बहुत कुछ कर सकते हैं लेकिन दुर्भाग्य से भारत के साथ उनके जुडने में स्वयं भारतीयों ने बडी बाधा खडी कर रखी है.
उन्होंने कहा, प्रवासी भारतीय 1980 से ही अपने देश भारत के लिये कुछ करने की इच्छा पाले हुए हैं लेकिन सरकार में बैठे कुल लोगों, कुछ राजनेताओं तथा स्थानीय व्यापार समुदाय के लोगों द्वारा उन्हें हतोत्साहित किया जाता रहा है. कपारो समूह के संस्थापक-चेयरमैन लार्ड स्वराज पॉल ने गुजरे समय को याद करते हुए कहा कि कि वह उन पहले लोगों में थे जिन्होंने बाहर रहते हुए भारत में निवेश किया.
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