पश्चिम बंगाल: कोरोना काल में गहराया जूट उद्योग का संकट, 16 मिल बंद, 50 हजार लोग बेरोजगार
पश्चिम बंगाल में कोरोना काल में गहराया जूट उद्योग का संकट, 16 मिल बंद, 50 हजार लोग हुए बेरोजगार
कोलकाता : कोरोना काल में पश्चिम बंगाल के जूट क्षेत्र में संकट गहराता जा रहा है. हाल में कच्चे माल की बढ़ती कमी तथा कोरोना संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए राज्य सरकार द्वारा लगाए गए ‘लॉकडाउन’ के कारण मजदूरों की कमी होने की वजह से करीब 16 जूट मिलें बंद हो गयी हैं.
उद्योग संगठन के अधिकारियों ने कहा कि इन मिलों के बंद होने से करीब 50,000 कर्मचारी बेरोजगार हो गये हैं. भारतीय जूट मिल संघ (आईजेएमए) के एक अधिकारी ने कहा, ‘प्रदेश के 16 मिलों में से पांच मिलें मुख्य रूप से कच्चे माल के संकट के कारण पिछले चार दिनों में बंद हो गयी हैं. हमें आशंका है कि अगले कुछ दिनों में अन्य 10 इकाइयां परिचालन बंद करने की घोषणा कर सकती हैं.’
राज्य में करीब 60 जूट मिलों में करीब ढाई लाख मजदूर काम करते हैं. जूट मिल संघ के एक अन्य अधिकारी ने कहा, ‘सरकार द्वारा जूट की बोरियों के भुगतान में देरी से भी स्थिति बिगड़ी है.’ उन्होंने कहा कि स्थिर नकदी प्रवाह के बिना, मिल मालिक अपने मजदूरों को मजदूरी देने में दिक्कत का सामना कर सकते हैं.
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आईजेएमए के पूर्व अध्यक्ष ने कहा, ‘जूट उद्योग में संकट को हल करने के लिए केंद्र और राज्य सरकार को ध्यान देना चाहिए. नारद मुद्दे को लेकर मौजूदा स्थिति को देखते हुए, हमें केंद्र सरकार और टीएमसी सरकार से समन्वित सहायता मिलने की कोई उम्मीद नहीं दिख रही है.’
उन्होंने कहा कि राज्य में लगाये गये सख्त ‘लॉकडाउन’ के बीच, मिल मालिकों को जूट बैग ले जाने वाले वाहनों की आवाजाही में समस्या की वजह से भी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है. कोरोना के बढ़ते मामलों की बीच ममता बनर्जी की सरकार ने लॉकडाउन के नियमों को सख्त कर दिया है. राज्य में 30 मई तक लॉकडाउन लगा दिया गया है.
Posted By: Mithilesh Jha
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