सरकार ने रद्द किया छह बैंकों के प्रमुखों का चयन
नयी दिल्ली : मोदी सरकार ने एक बड़ा फैसला करते हुए पूर्व की युपीए सरकार कार्यकाल के दौरान किए गए सार्वजनिक क्षेत्र के छह बैंकों के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशकों के चयन को रद्द कर दिया है. एक उच्चस्तरीय समिति ने पाया था कि इन बैंक प्रमुखों के चयन की प्रक्रिया में अनियमितताएं बरती गयी […]
नयी दिल्ली : मोदी सरकार ने एक बड़ा फैसला करते हुए पूर्व की युपीए सरकार कार्यकाल के दौरान किए गए सार्वजनिक क्षेत्र के छह बैंकों के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशकों के चयन को रद्द कर दिया है. एक उच्चस्तरीय समिति ने पाया था कि इन बैंक प्रमुखों के चयन की प्रक्रिया में अनियमितताएं बरती गयी थी.
सिंडिकेट बैंक के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक एस के जैन की कथित तौर पर रिश्वतखोरी के मामले में गिरफ्तारी और बर्खास्तगी के बाद बैंक आफ बडौदा और केनरा बैंक जैसे बैंकों के प्रमुखों की चयन प्रक्रिया की जांच करायी गयी. वित्त मंत्रालय ने बयान में कहा है कि भविष्य में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशकों तथा कार्यकारी निदेशकों के रिक्त पदों को नयी चयन प्रक्रिया के जरिये भरा जाएगा.
रिजर्व बैंक के गवर्नर की अगुवाई वाली समिति ने पूर्ववर्ती संप्रग सरकार के कार्यकाल के दौरान बैंक आफ बडौदा, केनरा बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक, ओरियंटल बैंक आफ कामर्स, यूनाइटेड बैंक और विजया बैंक के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशकों के नामों की सूची तय की थी. इस समिति में वित्तीय सेवा सचिव भी शामिल थे. समिति द्वारा चयनित नाम कैबिनेट की नियुक्ति समिति (एसीसी) ने अनुमोदन के लिए वित्त मंत्रालय को भेजे थे. लेकिन सरकार ने पूरी चयन प्रक्रिया को रद्द करने का फैसला किया है.
इन रिक्तियों तथा सिंडिकेट बैंक सहित दो अन्य में खाली पदों को नयी चयन प्रक्रिया के जरिये भरा जाएगा. इस प्रक्रिया में रिजर्व बैंक के गवर्नर या उनके द्वारा नामित कोई व्यक्ति शामिल होगा. जैन की गिरफ्तारी के बाद मंत्रालय ने व्यय सचिव, रिजर्व बैंक के गवर्नर तथा स्कूली शिक्षा सचिव की सदस्यता वाली समिति का गठन किया था, जिसे छह सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में चयन प्रक्रिया की जांच करनी थी.
बयान में कहा गया है कि समिति की रिपोर्ट मिलने के बाद सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के सीएमडी और ईडी की मौजूदा चयन प्रक्रिया को रद्द करने का फैसला किया है. सीएमडी के आठ पदों के साथ 14 कार्यकारी निदेशकों की नियुक्ति के लिए सरकार ने फैसला किया है कि यह चयन उस समिति द्वारा किया जाएगा जिसमें अनिवार्य रुप से रिजर्व बैंक गवर्नर या उनके द्वारा मनोनीत कोई व्यक्ति शामिल होगा.
बयान में कहा गया है, सरकार ने सचिव (व्यय), सचिव (स्कूली शिक्षा) और रिजर्व बैंक के गवर्नर की समिति का गठन किया था, जिसे 2014-15 में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के सीएमडी-ईडी के चयन के लिए अपनायी जा रही चयन प्रक्रिया की जांच करनी थी. सीएमडी के आठ पदों व कार्यकारी निदेशकों के 14 पदों को भरा जाना है. इसके अलावा भविष्य में सीएमडी-ईडी के चयन के लिए नयी प्रक्रिया बनाने का फैसला किया है.
हालांकि, बयान में यह नहीं बताया गया है कि यह प्रक्रिया क्या होगी. वित्त मंत्री अरूण जेटली ने कहा था कि सरकार बैंक प्रमुखों की हालिया नियुक्तियों की जांच कर रही है. उन्होंने कहा था, समय आ गया है जब सरकारी बैंकों के साथ सख्ती बरतने की जरुरत है. मैंने कैबिनेट सचिव और रिजर्व बैंक के गवर्नर से सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में हाल के समय में हुई नियुक्ति की जांच करने को कहा है.
सिंडिकेट बैंक के प्रमुख जैन को अगस्त में कथित तौर पर 50 लाख रुपये की रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. इससे पहले बैंक प्रमुखों का चयन रिजर्व बैंक गवर्नर की अगुवाई वाली समिति द्वारा किया जाता था. आवेदनों की जांच कैबिनेट सचिव करते थे. बाद में इन्हें कैबिनेट की नियुक्ति समिति के समक्ष अंतिम मंजूरी के लिए रखा जाता था.
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