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नोकिया के चेन्नई कारखाने का परिचालन आज से होगा बंद

चेन्नई: फिनलैंड की हैंडसेट कंपनी नोकिया अपने श्रीपेरंबुदूर कारखाने का परिचालन आज से बंद करने जा रही है. कंपनी ने इस कारखाने के लिए आखिर में बचे 900 कर्मचारियों के लिए 7.5 लाख से 9 लाख रपये के वित्तीय पैकेज को अंतिम रुप दे दिया है. हालांकि, कंपनी ने नोकिया-माइक्रोसाफ्ट के बीच 7.5 अरब डालर […]

चेन्नई: फिनलैंड की हैंडसेट कंपनी नोकिया अपने श्रीपेरंबुदूर कारखाने का परिचालन आज से बंद करने जा रही है. कंपनी ने इस कारखाने के लिए आखिर में बचे 900 कर्मचारियों के लिए 7.5 लाख से 9 लाख रपये के वित्तीय पैकेज को अंतिम रुप दे दिया है.
हालांकि, कंपनी ने नोकिया-माइक्रोसाफ्ट के बीच 7.5 अरब डालर के सौदे के बाद संयंत्र के 5,600 कर्मचारियों के लिए स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना तैयार की थी, लेकिन कारखाने का उत्पादन बंद होने की वजह से करीब 900 कर्मचारियों के भविष्य को लेकर असमंजस बना हुआ था.
नोकिया के इस संयंत्र में एक नवंबर से उत्पादन बंद करने की घोषणा के बाद राजनीतिक दल इसके खिलाफ आवाज उठा रहे थे. राजनीतिक दलों ने 900 कर्मचारियों के भविष्य के मद्देनजर राज्य सरकार से इस मामले में हस्तक्षेप की मांग की थी. नोकिया इंडिया इम्पलाइज यूनियन के सूत्रों का कहना है कि इनमें से कुछ कर्मचारी 2006 में संयंत्र का परिचालन शुरु होने के बाद से ही यहां काम कर रहे थे.
प्रबंधन, कर्मचारियों व श्रम विभाग के बीच पिछले दो दिन तक चली कई दौर की बातचीत के बाद आज इस मुद्दे पर सहमति बन सकी. नोकिया ने आज जारी बयान में कहा कि त्रिपक्षीय बैठक के बाद कर्मचारियों के लिए वित्तीय पैकेज तैयार हो गया है.
हालांकि, बयान में वित्तीय पैकेज का ब्योरा नहीं दिया गया है, लेकिन यूनियन के सूत्रों का कहना है कि प्रत्येक कर्मचारी को 7.5 से 9 लाख रपये की पेशकश की गई है. उल्लेखनीय है कि नोकिया ने श्रीपेरंबुदूर कारखाना 2006 में शुरु किया था और उस समय यह दुनिया की सबसे बडी मोबाइल विनिर्माण इकाई थी. जब यह कारखाना पूरी तरह चल रहा था तो इसमें 8,000 कर्मचारी थे जबकि 25,000 अन्य इससे अप्रत्यक्ष रुप से जुडे थे. कारखाने में बेसिक जीएसएम हैंडसेट बन रहे थे जिनकी आपूर्ति घरेलू बाजार के साथ निर्यात रुप होती थी.
नोकिया ने अपना मोबाइल हैंडसेट कारोबार इसी साल माइक्रोसाफ्ट को बेचने का सौदा कर लिया. हालांकि भारत सरकार के साथ कर संबंधी विवाद के चलते इस कारखाने को उस सौदे में शामिल नहीं किया जा सका.
तमिलनाडु सरकार ने मार्च में नोकिया को 2,400 करोड रपये का कर नोटिस जारी किया है. इसमें कहा गया कि कंपनी ने इस कारखाने में बने हैंडसेटों का निर्यात करने के बजाय उन्हें घरेलू बाजार में बेचा.
उच्चतम न्यायालय ने कर के एक अन्य मामले में 14 मार्च को नोकिया इंडिया से कहा कि वह इस कारखाने को माइक्रोसाफ्ट को स्थानांतरित करने से पहले 3,500 करोड रपये की बैंक गारंटी दे.
नोकिया-माइक्रोसाफ्ट का सौदा 25 अप्रैल 2014 को पूरा हो गया लेकिन इसमें चेन्नई कारखाने को शामिल नहीं किया गया. इसी महीने नोकिया ने एक बयान में कहा कि माइक्रोसाफ्ट ने उसे सूचित किया है कि वह इस कारखाने को विनिर्माण सेवा सौदा एक नवंबर 2014 से समाप्त कर देगी.
नोकिया ने कहा कि माइक्रोसाफ्ट से आर्डर नहीं मिलने के कारण वह इस कारखाने में हैंडसेट उत्पादन एक नवंबर से बंद कर देगी.

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