चेन्नई : केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि पुराने जहाजरानी कानून में आवश्यक बदलाव जरुरी है. सरकार मोटर वाहन अधिनियम, 1988 में बदलाव का प्रस्ताव लाने के बाद अब जहाजरानी उद्योग के नियमों में परिवर्तन की योजना बना रहा है. केंद्र का मानना है पुराने कानून के कारण जहाजरानी बाकी के मुकाबले काफी पीछे रह जाती है.
गडकरी ने यहां कल मद्रास चेंबर आफ कामर्स एंड इंडस्टरी द्वारा आयोजित एक बैठक में कहा कि जहाजरानी के मामले में हम काफी पीछे हैं. हमें हर तरह के बुनियादी ढांचे की जरुरत है. सभी कानून पुराने हैं. इन्हें हटा देना चाहिए. मंत्रालय ने मोटर वाहन अधिनियम 1988 को पुराना और संशोधन योग्य करार देकर हाल ही में इसमें बदलाव करने के फैसले की घोषणा की.
उन्होंने कहा हमारे पास 1988 का मोटर वाहन अधिनियम है. हम इसमें बदलाव करने वाले हैं. हमें क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (आरटीओ) की जरुरत नहीं है. यहां (आरटीओ कार्यालयों में) करोडों रुपये का घोटाला होता था और हम इसे बंद करने जा रहे हैं. मंत्री ने कहा हमें पारदर्शिता लाने की जरुरत है.
हमने प्रक्रिया शुरु कर दी है. यदि कोई आनलाईन प्रणाली के जरिए नियमों का उल्लंघन करता है और हम तुरंत उसका लाइसेंस रद्द कर सकते हैं या फिर यह देखेंगे कि उसने पहले किन नियमों का उल्लंघन किया था. मंत्री ने कहा कि देश को जहाज निर्माण परियोजनाओं में नौ संयुक्त उद्यम की जरुरत है.
उन्होंने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फैसला किया है. हम नीति (नौ जहाज निर्माण परियोजनाओं के लिए) भी बना रहे हैं. हम संयुक्त उद्यम के लिए राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय कंपनियों की तलाश कर रहे हैं. उन्होंने कहा एक कंपनी जहाज निर्माण परियोजना के लिए आगे आयी है. इसी तरह हम जहाज तोडने की परियोजना पर भी विचार कर रहे हैं.
गडकरी ने कहा कि सडक मार्ग की तरह सरकार एक परामर्श संस्था बनाएगी जिसके तहत रक्षा क्षेत्र में 500 परियोजनाएं को मंजूरी दी जाएगी. उन्होंने कहा रक्षा क्षेत्र में हमने विस्तृत परियोजना रपट (डीपीआर) के जरिए 500 परियोजनाओं का अधिकोष तैयार करने की योजना बनायी है. हम डीपीआर तैयार कर रहे हैं और परियोजना प्रबंधन परामर्श स्थापित कर रहे हैं.
परामर्श की जिम्मेदारी हम उन्हें दे रहे हैं और 500 परियोजनाएं बगैर किसी देरी के मंजूर की जाएंगी. परिवहन क्षेत्र के ढांचे की दक्षता बढाने की जरुरत पर बल देते हुए गडकरी ने कहा हमें ऐसी विशेष प्रणाली ‘रोल ऑन रोल ऑफ’ चाहिए जो मारुति कार को दिल्ली से चेन्नई ला सके. हमने गोवा से जवाहरलाल नेहरु पोर्ट ट्रस्ट तक परिवहन मामले में ऐसा किया है.
इसमें अपार संभावनाएं हैं. समुद्री बंदरगाह की स्थापना की तरह सरकार सभी राज्यों में ‘बस बंदरगाह’ स्थापित करने के लिए भी प्रोत्साहित करेगी. उन्होंने कहा, हम सभी राज्यों को धन मुहैया करने के लिए तैयार हैं. इस विचार के पीछे समुद्री बंदरगाह की अवधारणा है.
लार्सन एंड टूब्रो द्वारा 50,000 करोड की बुनियादी ढांचा परियोजनाओं से कदम वापस खींचने के बारे में बताते हुये गडकरी ने कहा कि भूमि अधिग्रहण के अभाव में 1.80 लाख करोड रुपये की परियोजनाएं अटकी पडी थीं. गडकरी ने कहा कि सरकार विभिन्न देशों से कम ब्याज दर पर ऋण प्राप्त करने पर भी विचार कर रही है.
उन्होंने कहा, हम अन्य देशों से ऋण प्राप्त करने की योजना बना रहे हैं. हम कई देशों से बातचीत कर रहे हैं जो बहुत कम ब्याज दर 3-4 प्रतिशत पर ऋण मुहैया करा सकते हैं.
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