निवेशकों का भरोसा भारत पर वापस लौट रहा है, अर्थव्यवस्था सुधारने में लगेगा समय : जेटली
नयी दिल्ली : वर्ल्ड इकोनोमिक फोरम के इकोनोमिक समिट में वित्त मंत्री अरूण जेटली ने कहा कि पिछले तीन चार सालों से विदेशी निवेशकों का भरोसा भारत पर से उठा था, वह अब वापस लौटा है. दुनिया की नजर अब दोबारा भारत पर टिकी है. निवेशकों का भरोसा बढ़ा है. उन्होंने कहा कि सरकार किसी […]
नयी दिल्ली : वर्ल्ड इकोनोमिक फोरम के इकोनोमिक समिट में वित्त मंत्री अरूण जेटली ने कहा कि पिछले तीन चार सालों से विदेशी निवेशकों का भरोसा भारत पर से उठा था, वह अब वापस लौटा है. दुनिया की नजर अब दोबारा भारत पर टिकी है. निवेशकों का भरोसा बढ़ा है.
उन्होंने कहा कि सरकार किसी भी तरह के निगेटिव संकेत देने वाले कदम नहीं उठाएंगी. सरकार विदेशी निवेश को बढ़ाने के लिए हर सेक्टर की समीक्षा कर रही है. बीमार पब्लिक सेक्टर यूनिट को ज्यादा लंबे समय तक सहायता नहीं दिया जा सकता है. सरकार बीमार पब्लिक सेक्टर यूनिट को बंद करने की बजाय उनका निजीकरण करने के पक्ष में है.
जेटली ने कहा उनकी सरकार की ओर से लाया गया कोयला रिफॉर्म काफी फायदेमंद साबित हुआ. अन्य प्राकृतिक संसाधनों के लिए भी नयी रिफॉर्म पॉलिसी लायी जायेगी. कोयला की तरह बाकी खनिजों पर भी रिफॉर्म लायेंगे. उन्होंने कहा कि इंश्योरेंस बिल संसद के शीतकालीन सत्र में पास होने की उम्मीद है.
प्रशासन चलाने वालों की मानसिकता बदलनी होगी. उन्होंने कहा कि सरकार की सफल शुरुआत से सभी खुश हैं. फिर भी अभी बहुत कुछ करना बाकी है. अर्थव्यवस्था सुधारने के लिए अभी कई बड़े कदम उठाये जाने हैं. उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था को सुधारने में लंबा समय लगेगा. सरकार प्रयासरत है.
जेटली ने कहा भूमि अधिग्रहण कानून में किसानों के लिए मुआवजा बढाने संबंधी प्रावधान को लेकर कोई विवाद नहीं है, लेकिन भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया जटिल बना दी गयी. भूमि अधिग्रहण कानून के तहत आने वाली भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया पर फिर से विचार करने का समय आ गया है.
भारत डब्ल्यूटीओ के तहत व्यापार सुगमता के खिलाफ नहीं है लेकिन कृषि क्षेत्र में हिस्सेदारी के लिए स्थायी समाधान निकाला जाना चाहिए. वित्त मंत्री ने कहा श्रम कानून के कुछ पहलुओं को निश्चित रुप से सुधारा जा सकता है.
भ्रष्टाचार मिटाने और सुधारों को आगे बढाने का वादा करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज कहा कि नयी सरकार ने उचित व पारदर्शी व्यवसायिक परिवेश बनाने व सांठगांठ वाले पूंजीवाद को समाप्त करने की दिशा में कदम उठाये हैं. उन्होंने कहा कि सरकार श्रम सुधारों, कुछ सार्वजनिक उमक्रमों के निजीकरण और भूमि अधिग्रहण कानून में सुधारों को आगे बढाने पर भी गौर कर रही है.
वित्तमंत्री ने कहा कि आर्थिक सुधार कोई एक सनसनीखेज विचार नहीं हो सकता. वह आज यहां भारत आर्थिक शिखर सम्मेलन में बोल रहे थे. इस सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए उन्होंने कहा कि आज एक गलत विचार से पूरी अर्थव्यवस्था को ध्वस्त कर सकते हैं. पिछली तिथि से कर लगाना एक ऐसा ही गलत विचार था, जिसकी वजह से अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचा.
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