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दाम बढ़ने से पहले खरीद लें अपनी मनपसंद कार

गाड़ियों की उत्पादन लागत में बढोत्तरी को देखते हुए अब देश की सभी दुपहिया और चार पहिया वाहन निर्माता कंपनियों ने अपने उत्पादों की कीमतें बढ़ने की तैयारी कर ली है. यानि अब ग्राहकों को अपनी मनपसंद कार या मोटरसाईकिल खरीदने के लिए जेब ज्यादा ढीली करनी होगी. टू व्हीलर सेगमेंट में हीरो मोटोकॉर्प और […]

गाड़ियों की उत्पादन लागत में बढोत्तरी को देखते हुए अब देश की सभी दुपहिया और चार पहिया वाहन निर्माता कंपनियों ने अपने उत्पादों की कीमतें बढ़ने की तैयारी कर ली है. यानि अब ग्राहकों को अपनी मनपसंद कार या मोटरसाईकिल खरीदने के लिए जेब ज्यादा ढीली करनी होगी.
टू व्हीलर सेगमेंट में हीरो मोटोकॉर्प और होंडा जैसी दुपहिया निर्माता कंपनियों ने तो अपने दुपहिया वाहनों की कीमत पहले से ही बढ़ा दी है. इसके बाद अब लगता है कि बाकी दुपहिया कम्पनियां भी जल्द ही बढ़ी हुई कीमतों का ऐलान कर सकती हैं.
यही हाल देश के चारपहिया निर्माता कंपनियों का भी है. कंपनियों का कहना है कि निर्माण सामग्रियों का खरीद मूल्य बढ़ने और ऊंचे लॉजिस्टिक्स चार्जेज की वजह से ऐसा करना जरूरी हो गया है. हालांकि, उन्होंने कहा कि वे डिमांड को ध्यान में रखकर ही कीमतें बढ़ने का कदम उठाएंगी. गौरतलब है कि पिछले नौ महीनों के बाद ऑटोमोबाइल कंपनियों ने पहली बार कीमतें बढ़ने का ऐलान किया है.
पिछले दो सालों से इस सेक्टर में सेल घटने की वजह से सरकार ने लोगों की मांग बढ़ाने और इस इंडस्ट्री को घाटे से उबरने के लिए इस साल फरवरी में व्हीकल सेक्टर में एक्साइज ड्यूटी 4-6 फीसदी कम कर दी थी. मई में नरेंद्र मोदी की सरकार बनने के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने भी ऑटोमोबाइल सेक्टर की अपील पर इस मियाद को दिसंबर तक बढ़ा दिया था ताकि इस क्षेत्र में घाटा ख़त्म किया जा सके.
लेकिन अब इन कंपनियों का कहना है कि कीमतें बढ़ाने के बाद वे नई कारों पर बड़े खर्चे की भरपाई के साथ ही मुनाफे में सुधार कर सकेंगी. देश की बड़ी चार पहिया निर्माता कंपनी ह्युंदै मोटर इंडिया ने कहा है कि वह अगले कुछ दिनों में अपनी गाड़ियों की कीमतें बढ़ा देगी. उधर देश की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी, होंडा और बीएमडब्ल्यू जैसी अन्य कंपनियां संभावित ग्राहकों पर कम से कम असर डालने वाली बढ़ोतरी पर विचार कर रही हैं.
वाहन बनाने में लगने वाले ऑटो-ग्रेड स्टील जैसी महत्वपूर्ण सामग्री का खरीद मूल्य महंगा हो जाने को भी कीमतें बढ़ने का महत्वपूर्ण कारण माना जा रहा है. फिलहाल, मारुति सुजुकी, होंडा ह्युंडई मोटर जैसी ज्यादातर कंपनियां ऑटो-ग्रेड स्टील का दक्षिण कोरिया और जापान जैसे अंतरराष्ट्रीय बाज़ारों से निर्यात करती हैं.
इसके अलावा पिछले कुछ महीनों से गाड़ियों की बिक्री बढ़ने के लिए दिए जा रहे ऊंचे डिस्काउंट और मुफ्त उपहारों की वजह से भी ऑटोमोबाइल कंपनियों के मुनाफे पर असर पड़ रहा है. पिछले दो महीनों में त्योहारी सीजन की वजह से कंपनियों की बिक्री तो बढ़ी लेकिन छूट देने की वजह से मुनाफे का अनूपात घट गया. अब कम्पनियां इसी खाई को पाटने की तयारी में लगी हैं.
लेकिन ये तय है कि घाटा कम करने की इस कवायद के बाद अब ऑटोमोबाइल कंपनियों की नजर एक्साइज ड्यूटी की दिसंबर में ख़त्म हो रही मियाद पर रहेगी. अगर सरकार ने ये मियाद फिर से आगे बढ़ा दी तो हो सकता है ग्राहकों को फिर से कुछ बेहतर कीमतों का तोहफा मिल जाये.

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

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