नयी दिल्ली : विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) द्वारा आयोजित सम्मेलन का उद्घाटन करते हुये वित्त मंत्री अरूण जेटली ने कहा कि उनकी सरकार भ्रष्टाचार को दूर करने के साथ-साथ निवेशकों को देश में निवेश के लिए प्रोत्साहित करने की दिशा में कई महत्वपूर्ण कदम उठाये हैं. आज एक गलत विचार पूरी अर्थव्यवस्था को ध्वस्त कर सकता है.
जेटली ने कहा,पिछली तिथि से कर लगाना एक ऐसा ही गलत विचार था जिसकी वजह से अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचा. उन्होंने कहा कि कोयला ब्लॉक आवंटन से जुडी समस्या को दूर करने के लिये राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार द्वारा उठाये गये कदमों का जिक्र करते हुये जेटली ने कहा, इसके परिणामस्वरुप इस मामले में निर्णय लेने के जो तत्व थे वह करीब करीब नदारद थे और जब आप एक बार इस तरह के निर्णय ले लेते हैं तो इससे भ्रष्टाचार, गठजोड के विचार या फिर साठगांठ वाला पूंजीवाद जैसी भ्रष्टाचार की संभावनायें समाप्त हो जाती हैं.
इसके साथ ही जेटली ने दस सूत्र बताये जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था पटरी पर लौट सकती है. जेटली का बयान ऐसे समय में आया है जब सरकार ने 2014-15 का बजट तैयार करने का काम शुरू कर दिया है. पेश हैं दस मुख्य बातें-
1. देश में भ्रष्टाचार मिटाने निवेशकों के लिए उचित और पारदर्शी व्यावसायिक परिवेश बनाया जा रहा है.
2. साठगांठ वाले पूंजीवाद को समाप्त करने की दिशा में कदम उठाये जा रहे हैं.
3. सरकार श्रम सुधार और भूमि अधिग्रहण कानून में सुधारकरेगी.
4. कुछ सार्वजनिक उपक्रमों से सरकार अपनी हिस्सेदारी कम करेगी और निजीकरण पर बल देगी.
5. निवेशकों सही व्यवस्था प्रदान करने वाली शासन दी जायेगी.
6. कोयला क्षेत्र की तरह दूसरे प्राकृतिक संसाधनों और अन्य खनिजों के मामले में नये रिफॉर्म लाये जायेंगे.
7. पारदर्शिता के लिए प्राकृतिक संसाधनों का आवंटन स्पेक्ट्रम की निलामी वाले सिद्धांत पर किया जायेगा.
8. वास्तविक उपभोक्ताओं कोयला पहुंचाने के लिए ई-नीलामी प्रणाली अपनायी जायेगी.
9. कुछ कोयला खदानों को सरकार वाणिज्यिक खनन के लिये भी खोलेगी.
10. सरकार सकारात्मक सोच के साथ सकारात्मक संदेश फैलाने वाले काम पर विशेष ध्यान देगी.
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