एचएसबीसी की सूची के आधे खातों में कोई धन नहीं: एसआईटी

नयी दिल्ली: काले धन पर गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) ने पाया है कि उसको दी गयी एचएसबीसी बैंक के खाताधारकों की सूची के लगभग आधे खातों में कोई धन नहीं है जबकि सूची में सौ से अधिक नाम दोहराए गए हैं. इससे इनके खिलाफ किसी प्रकार की कार्रवाई की संभावना में बाधा हो सकती […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 6, 2014 5:41 PM
an image
नयी दिल्ली: काले धन पर गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) ने पाया है कि उसको दी गयी एचएसबीसी बैंक के खाताधारकों की सूची के लगभग आधे खातों में कोई धन नहीं है जबकि सूची में सौ से अधिक नाम दोहराए गए हैं. इससे इनके खिलाफ किसी प्रकार की कार्रवाई की संभावना में बाधा हो सकती है.
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि आयकर विभाग अब इस सूची में शामिल 300 इकाइयों के खिलाफ अभियोजन पर विचार कर रहा है. उच्चतम न्यायालय को सरकार द्वारा हाल ही में सौंपी गई इस (एचएसबीसी जिनीवा) सूची में कुल मिलाकर 628 नाम हैं.
एसआईटी ने पाया है कि एचएसबीसी जिनीवा की सूची में लगभग 289 नामों के साथ कोई राशि नहीं है. जबकि सूची में 122 नाम दो बार आए हैं.
गौरतलब है कि देश में काले धन को लेकर लम्बे समय से गरमाहट बनी हुई है और पहले मनमोहन सरकार और अब मोदी सरकार पर भी देश में काला धन वापस लाने का दबाव लगातार बना हुआ है. इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट के इस मुद्दे में सख्त रुख अपना लेने के बाद तो सरकार के लिए ये मामला और भी संवेदनशील हो गया है.
लोकसभा चुनाव के दौरान नरेंद्र मोदी ने काले धन के मुद्दे को अपने चुनाव प्रचार में जोर-शोर से उठाया थालेकिन काले धन की जांच में लम्बा समय लगने की वजह से समय-समय पर ऐसी आशंका जताई जा रही थी कि यदि जांच होने और काले धन के मालिकों को पकड़ने में देर होती है तो ऐसा हो सकता है कि इन खातों में काला धन जमा करने वाले लोग सतर्क हो जाएँ और पकडे जाने के डर से पहले ही अपने सारे जमा रुपये इन खातों से निकाल लें. एसआइटी की तरफ से अपनी जांच में आज के इस खुलासे से इस आशंका के सही होने की संभावना नज़र आ रही है.
आशा है जल्द ही इससे जुडी और ज्यादा जानकारी सामने आएगी ताकि इन खातों से जुड़ा पूरा सच सामने आ सके.

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Exit mobile version