जिनीवा/नई दिल्ली: व्यापार सुगमता तथा खाद्य सुरक्षा के मुद्दों पर गतिरोध को दूर करने के लिए भारत व अमेरिका के प्रयासों की विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) ने सराहना की है. डब्ल्यूटीओ के महानिदेशक रॉबटरे एजेवेडो ने आज उम्मीद जताई कि दोनों देशों के बीच बातचीत से गतिरोध दूर करने में मदद मिलेगी.
डब्ल्यूटीओ ने अपने बयान में आज कहा कि महानिदेशक इस बात को लेकर काफी खुश हैं कि अमेरिका व भारत के बीच बातचीत फिर शुरु हो गई है. उन्होंने उम्मीद जताई कि आगे भी बातचीत जारी रहेगी और यह मौजूदा गतिरोध को दूर करने की दिशा में फलदायक होगी. वाणिज्य मंत्रलय में अतिरिक्त सचिव जे.एस. दीपक व डब्ल्यूटीओ में भारतीय राजदूत अंजली प्रसाद ने कल जिनीवा में डब्ल्यूटीओ प्रमुख से मुलाकात की थी. डब्ल्यूटीओ के प्रमुख ने सभी सदस्यों से इन मुद्दों को सुलझाने के लिए प्रयास तेज करने को कहा है.
गौरतलब है कि केंद्र में नरेन्द्र मोदी की सरकार बनने के बाद भारत ने डब्ल्यूटीओ की बैठक में अपने देश के गरीबों के हित के आगे डब्ल्यूटीओ के विकसित सदस्य देशों के दबाव के आगे झुकने से इंकार कर दिया था और ये कहा था कि भारत अपने देश के गरीबों और किसानों के विरोध वाले किसी समझौते पर अपनी सहमति नहीं देगा. इसके अलावा भारत ने अपने रुख पर गंभीरता दिखाते हुए यह भी कहा था कि यदि उसकी जरूरतों को अनदेखा किया गया तो भारत डब्ल्यूटीओ की सदस्यता छोड़ सकता है. इसी मुद्दे पर भारत और अमेरिका के बीच संबंधों में तल्खी आ गयी थी, जिसे सही करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी की अमेरिका यात्रा के पहले अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी भारत आये थे. डब्ल्यूटीओ के इस बयान को भारत के रुख को लेकर अमेरिकी नरमी के रूप में भी देखा जा रहा है.
इस सिलसिले में एजेवेडो ने आगे कहा कि स्थिति की गंभीरता को देखते हुए मैं सभी डब्ल्यूटीओ सदस्यों से समाधान ढूंढने के लिए अपने प्रयासों को दोगुना करने के लिए प्रोत्साहित कर रहा हूं. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कल नई दिल्ली में कहा था कि डब्ल्यूटीओ में मौजूदा गतिरोध की मुख्य वजह यह है कि कुछ विकसित देश अनुचित रवैया अपनाए हुए हैं.
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