नयी दिल्ली : भारतीय कंपनियों की कमजोर वित्तीय हालात से सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की परिसंपत्तियों की गुणवत्ता प्रभावित हो रही है. क्रेडिट रेटिंग एजेंसी मूडीज ने आज यह बात कही.
मूडीज ने कहा कि सरकारी बैंकों की परिसंपत्ति की गुणवत्ता हालांकि अब अपने निचले स्तर पर पहुंच गयी हो, लेकिन कारपोरेट ऋण की गुणवत्ता में सुधार में अभी कुछ समय लगेगा.मूडीज ने कहा कि बैंकों की गैर निष्पादित आस्तियां (एनपीए) बैंकों की ऋण की गुणवत्ता को प्रभावित करती रहेंगी.
मूडीज उपाध्यक्ष एवं वरिष्ठ विश्लेषक श्रीकांत वाडलामणि ने कहा, हमारा अनुमान है कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के लिए शुद्ध गैर-निष्पादित ऋण बढने की दर पिछले तीन साल की तुलना में कम रहेंगी लेकिन पहले से खराब ऋण का अनुपात मौजूदा स्तर पर ही स्थिर रहेगा.
एजेंसी ने कहा कि अगले दो साल के दौरान नये गैर-निष्पादित ऋण निर्माण की दर कम हो सकती है. उसने कहा है कि भारत में हालांकि कंपनियों के हालात अब स्थिर होने लगे हैं लेकिन कुल मिलाकर स्थिति कमजोर बनी हुई है.
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