कमजोर तिलहन की वजह से देश को करना पड़ेगा 15 अरब डॉलर के खाद्य तेल का आयात

मुंबई : देश में तिलहन की उपज कम होने से खाद्य तेलों का आयात बढ़ने की उम्मीद है. उद्योग संगठन एसोचेम की एक रिपोर्ट के अनुसार, वित्तवर्ष 2014-15 में खाद्य तेलों का आयात 60 प्रतिशत बढ़कर 15 अरब डॉलर हो जाने की उम्मीद है जिसका प्रमुख कारण खरीफ सत्र के दौरान तिलहन उत्पादन का घटना […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 8, 2014 1:51 PM
मुंबई : देश में तिलहन की उपज कम होने से खाद्य तेलों का आयात बढ़ने की उम्मीद है. उद्योग संगठन एसोचेम की एक रिपोर्ट के अनुसार, वित्तवर्ष 2014-15 में खाद्य तेलों का आयात 60 प्रतिशत बढ़कर 15 अरब डॉलर हो जाने की उम्मीद है जिसका प्रमुख कारण खरीफ सत्र के दौरान तिलहन उत्पादन का घटना है.
इस रिपोर्ट के मुताबिक भारत का खाद्य तेलों के आयात पर 15 अरब डॉलर का आयात खर्च होने की उम्मीद है जो पिछले वर्ष 2013-14 में 9.3 अरब डॉलर था. इसका मुख्य कारण खरीफ सत्र के दौरान अल नीनो प्रभाव के कारण तिलहन उत्पादन में 10 प्रतिशत की कमी आना है. खरीफ की तीन प्रमुख तिलहन फसलों सूरजमुखी, मूंगफली और सोयाबीन का इस वर्ष उत्पादन क्रमश: 35 प्रतिशत, 31 प्रतिशत और एक प्रतिशत घट गया जिसकी वजह से देश में खाद्य तेल की मांग को पूरा करने में मुश्किल होने की वजह से आयात बढ़ाना पड़ेगा.
इस रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि फिलहाल तक मध्य अक्तूबर तक भारत ने देश में खाद्य तेल की जरुरत के आधे से अधिक का आयात किया है.

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