18 महीनों बाद महंगाई से राहत, दहाई अंक से नीचे आया थोक मुद्रास्फीति, अक्टूबर में घटकर हुआ 8.39 फीसदी
अक्टूबर 2022 में थोक मुद्रास्फीति दहाई अंक से नीचे आ गया है. बीते साल मार्च 2021 में मुद्रास्फीति 7.89 फीसदी पर थी. इसके बाद मुद्रास्फीति लगातार बढ़ती रही और यह 10 फीसदी से ज्यादा रही. यहां तक की अक्टूबर 2021 में थोक मुद्रास्फीति बढ़कर 13.83 फीसदी पर पहुंच गई थी.
देश के लिए एक राहत भरी खबर है. थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति अक्टूबर महीने में दहाई अंक से नीचे आ गई है. मुद्रास्फीति घटकर 8.39 फीसदी पर आ गई है. दरअसल, ईंधन और विनिर्मित उत्पादों की कीमत कम होने से थोक मुद्रास्फीति की दर नीचे आ गई है. गौरतलब है कि बीते 19 महीनों में यह पहला मौका है जबकि थोक मुद्रास्फीति एक अंकों पर आई है. इससे पहले यह दहाई अंकों पर थी.
18 महीनों से दहाई अंक पर थी मुद्रास्फीति: बीते साल मार्च 2021 में मुद्रास्फीति 7.89 फीसदी पर थी. इसके बाद मुद्रास्फीति लगातार बढ़ती रही और यह 10 फीसदी से ज्यादा रही. यहां तक की अक्टूबर 2021 में थोक मुद्रास्फीति बढ़कर 13.83 फीसदी पर पहुंच गई थी.
इन चीजों के दाम घटने से घटी मुद्रास्फीति: वहीं, वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने ने मुद्रास्फीति के घटने पर कहा है कि खनिज तेल, मूल धातु, फ्रैबिकेटेड धातु उत्पाद, अन्य गैर-धातु खनिज उत्पाद, खनिजों के दाम घटने के कारण अक्टूबर 2022 में थोक मुद्रास्फीति घटी है.
अक्टूबर में खाद्य वस्तुओं की महंगाई 8.33 फीसदी रही, जो सितंबर, 2022 में 11.03 फीसदी थी. समीक्षाधीन महीने में सब्जियों की मुद्रास्फीति 17.61 फीसदी रही. पिछले महीने यह 39.66 फीसदी पर थी. ईंधन और बिजली खंड की मुद्रास्फीति 23.17 फीसदी और विनिर्मित उत्पादों की 4.42 फीसदी पर रही.
भारतीय रिजर्व बैंक मौद्रिक नीति समीक्षा में खुदरा मुद्रास्फीति के आंकड़ों पर गौर करता है. अक्टूबर की खुदरा मुद्रास्फीति के आंकड़े भी आज आएंगे. माना जा रहा है खुदरा मुद्रास्फीति सात फीसदी से नीचे रहेगी. रिजर्व बैंक मुद्रास्फीति पर अंकुश के लिए मई से सितंबर के बीच प्रमुख नीतिगत दर रेपो में 1.9 प्रतिशत की बढ़ोतरी कर चुका है. अब रेपो दर 5.90 प्रतिशत पर है.
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