काले धन को स्‍वदेश लाना सरकार की प्राथमिकता : नरेंद्र मोदी

अपने विदेश दौरे के क्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऑस्‍ट्रेलिया में जी20 सम्‍मेलन से पूर्व ब्रिक्‍स के राष्‍ट्राध्‍यक्षों से औपचारिक बात करते हुए कहा कि विदेशों में जमा काला धन स्‍वदेश वापस लाना उनकी पहली प्राथमिकता है. और इसमें ब्रिक्‍स के देशों का सहयोग अपेक्षित है. विदेशों में जमा काले धन के मुद्दे पर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 15, 2014 10:20 AM

अपने विदेश दौरे के क्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऑस्‍ट्रेलिया में जी20 सम्‍मेलन से पूर्व ब्रिक्‍स के राष्‍ट्राध्‍यक्षों से औपचारिक बात करते हुए कहा कि विदेशों में जमा काला धन स्‍वदेश वापस लाना उनकी पहली प्राथमिकता है. और इसमें ब्रिक्‍स के देशों का सहयोग अपेक्षित है.

विदेशों में जमा काले धन के मुद्दे पर मोदी ने बेहतर समन्वय का आह्वान करते हुए कहा कि इस काले धन का संबंध सुरक्षा चुनौतियों से भी जुड़ा है. प्रधानमंत्री ने जी-20 शिखर सम्मेलन से पहले दुनिया में उभरती अर्थव्यवस्था वाले पांच देशों के समूह ‘ब्रिक्स’ (ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका) के नेताओं से अनौपचारिक मुलाकात के दौरान काले धन के मुद्दे को उठाते हुए प्रधानमंत्री ने विदेशों में जमा काले धन की पाई-पाई वापस लाने के अपने वादे के मद्देनजर इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर यह बात कही.

भारत काले धन की वापसी के लिए प्रयासरत है और प्रधानमंत्री मोदी ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि उनके लिए विदेशों में जमा काले धन की वापसी के लिए बेहतर तालमेल एक प्रमुख मुद्दा है. जी-20 शिखर सम्मेलन के मेजबान देश ऑस्ट्रेलिया ने शुक्रवार को टैक्स चोरी पर कानूनी कार्रवाई को लेकर बहुत ही कड़ा रुख अपनाने की बात कही थी, जिसका मोदी ने समर्थन किया था और कहा था कि भारत भी इस संबंध में कर चोरी करने वालों के पनाहगाह बने देशों (टैक्स हैवेन) के खिलाफ 20 प्रमुख औद्योगीकृत देशों के समूह और उभरती अर्थव्यवस्थाओं की ओर से कड़ी कार्रवाई चाहता है.

मोदी ने कहा, मेरे लिए प्रमुख मुद्दा काले धन के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय सहयोग के महत्व को रेखांकित करना है. उम्मीद है कि काले धन की वापसी के लिए कर अपवंचन के पनाहगाह बने देशों पर दबाव डालने और उनसे भारत की मदद के लिए अधिक जानकारियों का खुलासा करने के लिए भी प्रधानमंत्री की ओर से जी-20 शिखर सम्मेलन में अपील की जाएगी. मोदी के अलावा चीनी प्रधानमंत्री शी चिनफिंग, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति जैकब जुमा और ब्राजील की राष्ट्रपति डिल्मा रोसेफ उन अन्य नेताओं में शामिल थे, जिन्होंने इस अनौपचारिक बातचीत में हिस्सा लिया.

चुनाव के दौरान भारत में कालाधन बड़ा अहम मुद्दा बना था. मोदी सरकार के गठन के बाद सरकार ने पहला कदम कालेधन पर एसआईपी गठन के रूप में उठाया था. करो के सूचना के आदान प्रदान के लिए आज जी20 बैठक में एक समझौता होने वाला है. यह समझौता सभी देशों के लिए महत्‍वपूर्ण होगा.

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