जी-20 नेताओं ने विश्व जीडीपी में 2,000 अरब डालर से अधिक वृद्धि का संकल्प लिया
ब्रिस्बेन : भू-राजनीतिक तनाव के बीच वैश्विक अर्थव्यवस्था को सुस्ती से उबारने के मकसद से दुनिया के 20 विकसित और उभरती अर्थव्यवस्था वाले देशों ने आज बुनियादी ढांचे में निवेश तथा व्यापार बढाकर वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में अगले पांच साल के दौरान 2,000 अरब डालर से अधिक की वृद्धि का संकल्प लिया. जी-20 […]
ब्रिस्बेन : भू-राजनीतिक तनाव के बीच वैश्विक अर्थव्यवस्था को सुस्ती से उबारने के मकसद से दुनिया के 20 विकसित और उभरती अर्थव्यवस्था वाले देशों ने आज बुनियादी ढांचे में निवेश तथा व्यापार बढाकर वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में अगले पांच साल के दौरान 2,000 अरब डालर से अधिक की वृद्धि का संकल्प लिया.
जी-20 शिखर सम्मेलन के समापन पर जारी तीन पृष्ठ के बयान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा समेत विश्व के नेताओं ने कहा, वैश्विक वृद्धि दर बढाकर दुनिया में लोगों को बेहतर जीवन स्तर तथा अच्छे रोजगार के अवसर उपलब्ध कराना हमारी उच्च प्राथमिकता है.
बयान में कहा गया है कि मांग में कमी से वैश्विक अर्थव्यवस्था अटकी हुई है जबकि संभावित वृद्धि हासिल करने के लिये आपूर्ति बाधाओं को दूर करना महत्वपूर्ण है. इसमें कहा गया है, भूराजनीतिक तनाव से वित्तीय बाजारों सहित विभिन्न क्षेत्रों में जोखिम बना हुआ है. हम वृद्धि को बढाने, आर्थिक मजबूती तथा वैश्विक संस्थानों की मजबूती के लिये साथ मिलकर काम करने को प्रतिबद्ध हैं.
बयान के अनुसार, हम इन चुनौतियों से पार पाने और मजबूत, टिकाउ तथा संतुलित वृद्धि एवं रोजगार सृजित करने के लिये अपने प्रयासों को तेज करने को लेकर दृढसंकल्प हैं. हम इस बात को स्वीकार करते हुये कि सुनियोजित ढंग से काम करने वाले बाजार समृद्धि का आधार है और इस लिहाज से हम वृद्धि तथा निजी क्षेत्र की गतिविधियों में तेजी लाने के लिये संरचानात्मक सुधारों को लागू कर रहे हैं.
साझा बयान में कहा गया है, इस साल हमने जी-20 देशों की जीडीपी में 2018 तक कम-से-कम अतिरिक्त 2 प्रतिशत वृद्धि का महत्वकांक्षी लक्ष्य रखा है. आईएमएफ-ओईसीडी के विश्लेषण से यह संकेत मिलता है कि यदि हमारी प्रतिबद्धता पर पूरी तरह अमल होता है तो इससे 2.1 प्रतिशत वृद्धि हासिल होगी.
इस वृद्धि से वैश्विक अर्थव्यवस्था में 2,000 अरब डालर से अधिक का इजाफा होगा और लाखों रोजगार सृजित होंगे. रुस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन के शिखर सम्मेलन छोडकर जाने के तुरंत बाद यह बयान आया. पुतिन को यूक्रेन संकट तथा जुलाई में पूर्वी यूक्रेन में मलेशिया एयरलाइंस के एमएच 17 विमान को मार गिराये जाने को लेकर पश्चिमी देशों की नाराजगी झेलनी पडी.
बयान के अनुसार निवेश, व्यापार, प्रतिस्पर्धा तथा रोजगार बढाने के उपायों के साथ वृहद आर्थिक नीतियों से विकास और समावेशी वृद्धि के साथ असमानता तथा गरीबी दूर करने में मदद मिलेगी. जी-20 नेताओं ने चार साल के अधिकार के साथ एक वैश्विक ढांचागत केंद्र बनाने पर सहमति जतायी जो सरकारों, निजी क्षेत्र, विकास बैंकों तथा अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठनों के बीच ज्ञान साझा करने वाला प्लेटफार्म और नेटवर्क विकसित करने में योगदान करेगा.
उन्होंने विश्व बैंक समूह की वैश्विक बुनियादी ढांचा सुविधा शुरु किये जाने का स्वागत भी किया और कहा, हम अन्य विकास बैंकों द्वारा भी इसी प्रकार की पहल और उनके बीच निरंतर सहयोग का समर्थन करते हैं.
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