”जन धन योजना” के तहत खुले खातों में से 75 फीसदी में जीरो बैलेंस

नयी दिल्‍ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के गरीबों को बैंक से जोड़ने के उद्देश्‍य से अपने महत्‍वकांक्षी परियोजना ‘जन धन योजना’ के तहत करोड़ों लोगों का बैंक खाता तो खुलवा दिया, लेकिन लगभग 75 फीसदी खाते में अभीतक एक भी पैसा जमा नहीं किया जा सका है. इस योजना के तहत खाता खोलने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 19, 2014 12:45 PM

नयी दिल्‍ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के गरीबों को बैंक से जोड़ने के उद्देश्‍य से अपने महत्‍वकांक्षी परियोजना ‘जन धन योजना’ के तहत करोड़ों लोगों का बैंक खाता तो खुलवा दिया, लेकिन लगभग 75 फीसदी खाते में अभीतक एक भी पैसा जमा नहीं किया जा सका है.

इस योजना के तहत खाता खोलने की होड़ में तमाम केंद्रीयकृत और प्राइवेट बैंक शामिल हो गये. बैंककर्मियों की प्रतिबद्धता के कारण गांव-गांव में करोड़ो लोगों ने अपने खाते खोले. इसके बावजूद भी बैंक खातों में पैसे जमा होने में काफी कठिनाइयां हो रही हैं. इसका एक बड़ा कारण बैंकों की बैंकिंग प्रणाली का अभीतक लचीला नहीं हो पाना भी हो सकता है.

इस योजना के तहत सरकार ने लगभग साढे सात करोड़ खाते खोलने का लक्ष्‍य निर्धारित किया था. वित्‍त मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार 15 अगस्‍त को शुरू हुए इस योजना के तहत हर दिन करीब पांच लाख नये खातों की दर से 10 नवंबर तक 7.2 करोड़ खाते खोले जा चुके हैं.

इस प्रकार देखा जाये तो अगले कुछ ही दिनों में सरकार की ओर से निर्धारित लक्ष्‍य को प्राप्‍त कर लिया जायेगा.लेकिन इसमें सबसे दिलचस्‍प बात यह है कि खोले गये लगभग साढे पांच करोड़ खातों में पैसे ही नहीं हैं. वित्‍त मंत्रालय के आकड़े के अनुसार सरकार ने 26 जनवरी 2015 तक साढे सात करोड़ खाते खोलने का लक्ष्‍य रखा था.

यह लक्ष्‍य तो हासिल हो जायेगा, लेकिन सरकार लोगों को बैंकों के साथ जोड़ने में नाकाम रही है. रिपोर्ट में बताया गया कि देश का सबसे बड़ा ऋणदाता बैंक भारतीय स्‍टेट बैंक ने इस योजना के तहत सबसे अधिक खाते खोले हैं. उसके बाद दूसरे स्‍थान पर बैंक ऑफ बड़ौदा और तीसरे स्‍थान पर केनरा बैंक है.

खाता में पैसे नहीं होने से नहीं मिल रहा लाभ

नरेंद्र मोदी ने घोषणा की थी कि ‘जन धन योजना’ के तहत हर खाताधारक को 5000 रुपये की ओवर ड्राफ्ट सुविधा प्रदान की जायेगी. जो उनके खाते के लेन देन को ध्‍यान में रखकर 2000 रुपये से शुरू कर 5000 रुपये तक पहुंच जायेगी. इसके साथ ही सभी खाताधारकों को रूपे डेबिट कार्ड प्रदान किया जाना है और एक लाख का दुर्घटना बीमा भी दिया जाना है.

ऐसे में खाताओं का संचालन नहीं होने से मिलने वाली ओवर ड्राफ्ट सुविधा अभीतक काफी कम लोगों को ही मिल पायी है. साथ ही अभीतक लगभग 40 फीसदी लोगों को ही रूपे डेबिट कार्ड प्रदान किया जा सका है. इसके साथ ही 26 जनवरी 2015 से पहले खाता खोलने वाले ग्राहकों को 30,000 रुपये का अतिरिक्‍त बीमा भी दिया जाना है. लेकिन सभी सुविधाएं खाता के लेन-देन पर ही निर्भर करेगा.

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Next Article

Exit mobile version