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बैंकों के बढ़ते एनपीए को नियंत्रित करना होगा: वित्त मंत्री

नयी दिल्ली: देश में बैंकों के बढ़ते डूबत ऋण को लेकर चिंतित वित्त मंत्री अरुण जेटली ने गैर निष्पादित आस्तियों (एनपीए) की घटनाओं में कमी लाने के उपायों पर आज यहां सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक प्रमुखों के साथ चर्चा की. जेटली ने इस चर्चा के बारे में कहा कि पिछले दो-तीन साल में नरमी के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 20, 2014 2:58 PM

नयी दिल्ली: देश में बैंकों के बढ़ते डूबत ऋण को लेकर चिंतित वित्त मंत्री अरुण जेटली ने गैर निष्पादित आस्तियों (एनपीए) की घटनाओं में कमी लाने के उपायों पर आज यहां सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक प्रमुखों के साथ चर्चा की.

जेटली ने इस चर्चा के बारे में कहा कि पिछले दो-तीन साल में नरमी के चलते एनपीए बढा है जो चिंता का विषय है. इसलिए, एनपीए में कमी लाने के लिए कौन से सकारात्मक कदम उठाए जाने हैं, इन पर चर्चा की गई है. वह सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक प्रमुखों के साथ एक बैठक के बाद संवाददाताओं से बातचीत कर रहे थे. जेटली ने बैंकों को यह सुनिश्चित करने को भी कहा कि परियोजनाओं के लिए ऋण का प्रवाह निर्बाध गति से बना रहे.
वित्त मंत्री ने कहा कि विभिन्न परियोजनाओं को सहयोग प्रदान करने के लिए कौन से कदम उठाए जाने की जरुरत है, इसको लेकर हमने बैंकों को सुझाव दिए हैं ताकि इन परियोजनाओं में ऋण का उठाव बड़े पैमाने पर बढ़ सके. अनुसंधान फर्म इक्रा की एक रिपोर्ट के मुताबिक 31 मार्च, 2015 तक सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को उनका सकल एनपीए 4.7 प्रतिशत तक बढ़ जाने का अनुमान है, जो 31 मार्च, 2014 तक 4.4 प्रतिशत और जून, 2014 के अंत तक 4.6 प्रतिशत पर था.

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