वडोदरा : देश भर के सरकारी बैंकों के कर्मचारी वेतन बढोतरी की अपनी मांग को लेकर दो से पांच दिसंबर तक देश के विभिन्न हिस्सों में क्षेत्रीय स्तर पर क्रमिक हडताल करेंगे. सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक कर्मचारियों ने वेतन बढोतरी के मुद्दे पर 12 नवंबर को एक दिन की हडताल की थी जिससे देश भर की शाखाओं से चेक निपटान और निकासी जैसी सेवाएं प्रभावित हुई थीं.
हडताल का आह्वान यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस (यूएफबीयू) ने किया था. ऑल-इंडिया बैंक कर्मचारी संघ (एआईबीईए) के महासचिव सी. एच. वेंकटचलम ने कहा, 12 नवंबर को देशव्यापी हडताल के बाद हम अगला कदम उठाने के करीब हैं जिसमें दो से पांच दिसंबर आंचलिक स्तर पर क्रमवार हडताल होगी.
उन्होंने कहा ये बैंकिंग उद्योग में अपनी तरह की पहली हडताल होगी. एआईबीईए यूएफबीयू की प्रमुख अंग है जो नौ बैंक के कर्मचारियों और अधिकारियों के संगठनों का सामूहिक संगठन है. संगठनों द्वारा तय कार्यक्रम के मुताबिक हडताल से पहले हर क्षेत्र में प्रदर्शन होगा.
वेंकटचलम ने कहा कि सबसे पहले दो दिसंबर को दक्षिण अंचल में हडताल होगी जिसके बाद उत्तरी (तीन दिसंबर), पूर्वी अंचल (चार दिसंबर) और पश्चिमी अंचल में (पांच दिसंबर) को हडताल होगी. उन्होंने कहा हमें उम्मीद है कि आईबीए (भारतीय बैक संघ) और सरकार मुद्दे की गंभीरता को समझेंगे और इसके समाधान के लिए जल्द से जल्द पहल करेंगे.
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक कर्मचारियों की वेतन वृद्धि का मुद्दा नवंबर 2012 से लंबित है. बैंक कर्मचारी यूनियनें जहां पहले 25 प्रतिशत और फिर 23 प्रतिशत वेतन वृद्धि की मांग कर रही हैं वहीं भारतीय बैंक संघ 11 प्रतिशत वृद्धि से आगे नहीं बढ रहा है. देश में सार्वजनिक क्षेत्र के 27 बैंक हैं जिनमें कुल 8 लाख कर्मचारी हैं. इन बैंकों की देशभर में 50,000 से अधिक शाखायें हैं.
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