शेयरों में निवेश का सुनहरा अवसर, एक साल में दोगुणा होने का अनुमान

नयी दिल्‍ली : ज्‍यादा नहीं महज एक दशक पूर्व ही आम लोगों को शेयर बाजार में निवेश के लिए विभिन्‍न कंपनियों कई प्रकार के वादों का सहारा लेती थीं.इतना ही नहीं कंपनी के एजेंट लोगों को अपनी ओर से कई लुभावने ऑफरों और जोरदार बढ़त का आश्‍वासन देने से भी नहीं चुकते थे. लेकिन इनदस […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 26, 2014 12:42 PM

नयी दिल्‍ली : ज्‍यादा नहीं महज एक दशक पूर्व ही आम लोगों को शेयर बाजार में निवेश के लिए विभिन्‍न कंपनियों कई प्रकार के वादों का सहारा लेती थीं.इतना ही नहीं कंपनी के एजेंट लोगों को अपनी ओर से कई लुभावने ऑफरों और जोरदार बढ़त का आश्‍वासन देने से भी नहीं चुकते थे. लेकिन इनदस सालों में काफी बदलाव आया है और शेयर बाजार में जोखिमों को जानने के बाद भी आम लोगों ने निवेश में दिलचस्‍पी दिखायी है. मीडिया रिपोर्टो के अनुसार, पिछले डेढ़ साल में हर दूसरे शेयर की कीमत दोगुणी हुई है.

जब से नरेंद्र मोदी के नेतृत्‍व में भाजपा ने केंद्र में सरकार बनायी है, निवेशकों के उत्‍साह के कारण बाजार कई रिकार्ड स्‍थापित कर चुका है. ऐसे में बाजार के जानकारों की ओर से लगातार ये बयान आ रहे हैं कि 2016 तक भारतीय शेयर बाजार अपनी तेजी बरकरार रखते हुए दोगुण तक हो सकता है.

एक न्‍यूज चैनल से बात करते हुए एक विशेषज्ञ ने तीन-चार दिनों पूर्व ही कहा था कि 2016 तक सेंसेक्‍स 50 हजारी हो जायेगा. अभी गिरावट और बढ़त के बीच सेंसेक्‍स 28000 के ऊपर कारोबार कर रहा है. पिछले दो-तीन माह में सेंसेक्‍स ने कई नये कीर्तिमान स्‍थापित किये हैं.

यहां की दो प्रमुख बाजारें बंबई स्‍टॉक एक्‍सचेंज (बीएसई) और नेशनल स्‍टॉक एक्‍सचेंज (एनएसई) लगातार बुलंदी की ओर अग्रसर है. इतना ही नहीं मिडकैप और स्‍मॉलकैप के शेयरों में भी कई गुणा की बढ़ोतरी हुई है. बीएसई में 30 बड़े कंपनियों का शेयर है तो एनएसई में 50 बड़ी कंपनियों ने अपना पैसा लगाया है.

सरकार की नीति का सकारात्‍मक प्रभाव

मोदी सरकार की ओर से विदेशी निवेश को बढ़ावा देने की नीति और घोषणाओं के कारण शेयर बाजार में उत्‍साह बना हुआ है. इसका भरपूर फायदा निवेशकों को मिल रहा है और नये निवेशक भी आकर्षित हो रहे हैं. विदेशी निवेशकों की दिलचस्‍पी से भी बाजार को खासा फायदा हुआ है. इसके अलावे भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था के सुधरने से भी बाजार की रौनक वापस लौटी है. केंद्र सरकार के सभी बड़े फैसलों का असर परोक्ष या अपरोक्ष रूप से बाजार पर पड़ता नजर आ रहा है.

शेयरों में निवेश के सरल माध्‍यम हैं उपलब्‍ध

एक समय था जब शेयर बाजार में निवेश को काफी पेचिदा माना जाता था. आम लोगों को यह भी पता नहीं होता था कि शेयर बाजार में निवेश का माध्‍यम क्‍या है और कैसे अपने पैसों को सही कंपनियों में निवेश किया जाये. वहीं अब सरकारीऔर गैरसरकारी बैंकों की ओर से एसआईपी के माध्‍यम से आम लोगों का पैसा विभिन्‍न कंपनियों के शेयरों में लगाया जा रहा है और ग्राहकों को खासा लाभ भी मिल रहा है. बैंकों की ओर से तमाम जोखिमों के बावजूद ग्राहकों को शेयर बाजार में निवेश के लिए प्रोत्‍साहित किया जा रहा है. साथ ही यह भी बताया जा रहा है कि निवेश के विभिन्‍न माध्‍यमों में शेयर बाजार में पैसों की बढ़ोतरी की संभावनाएं कहीं ज्‍यादा हैं. कई बैंकों ने तो एसआईपी के लिए कई प्रकार के स्‍कीम भी निकाल रखे हैं और ग्राहक इसका भरपूर लाभ उठा रहे हैं.

शेयर बाजार मौजूदा समय में निवेश का सही क्षेत्र

विशेषज्ञों की मानें तो शेयर बाजार को मौजूदा समय में निवेश का सबसे सही क्षेत्र माना जा रहा है. उनकी राय में अगले एक साल में ही भारतीय शेयर बाजार दोगुणा हो जायेगा. इसका प्रत्‍यक्ष लाभ निवेशकों को मिलेगा. इतने कम समय में किसी भी अन्‍य क्षेत्र में निवेश कर इतना लाभ नहीं कमाया जा सकता है. देखा जाये तो प्रॉपर्टी, सोना, एफडी, रेकरिंग डिपॉजिट, म्‍यूचुअल फंड, एनएससी आदि निवेश के विभिन्‍न क्षेत्र हैं.

इससे पहले सोने में निवेश को सबसे अच्‍छा माना जा रहा था. लेकिन काफी तेजी के बाद सोने की कीमतों में आयी भारी गिरावट ने निवेशकों को भरोसा तोड़ दिया है. उक्‍त क्षेत्रों की बात की जाये तो मौजूदा समय में म्‍यूचुअल फंड को ज्‍यादा पसंद किया जा रहा है. इसकों देखते हुए ही सभी बैंकों ने अपने यहां एसआईपी को मान्‍यता दे रखी है. इन सब के बीच सबसे ज्‍यादा तेजी से फायदा मिलने वाला क्षेत्र भी शेयर बाजार ही है. अब आपको फैसला करना है कि आप अपना पैसा किस क्षेत्र में निवेश करना चाहते हैं. आप डिमेट एकाउंट खुलवा कर सीधे शेयर में निवेश कर सकते हैं या फिर म्यूचुअल फंड व एसआइपी के जरिये अप्रत्यक्ष तौर पर भी शेयरों में निवेश कर सकते हैं.

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

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