रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि 2000 रुपये के नोट बदलने के लिए 4 महीने का पर्याप्त समय मिला है. उन्होंने लोगों से कहा है कि पैनिक नहीं हो. नोट बदलने का डाटा तैयार करना होगा. उन्होंने एक पीसी में कहा कि मैं स्पष्ट करता हूं और फिर से जोर देता हूं कि यह रिजर्व बैंक के मुद्रा प्रबंधन संचालन का एक हिस्सा है. लंबे समय से, रिजर्व बैंक एक स्वच्छ नोट नीति का पालन कर रहा है. समय-समय पर आरबीआई एक विशेष श्रृंखला के नोटों को वापस लेता है और नए नोट जारी करता है. हम 2000 रुपये के नोटों को संचलन से वापस ले रहे हैं लेकिन वे कानूनी निविदा के रूप में जारी हैं.
#WATCH | #Rs2000CurrencyNote | RBI Governor Shaktikanta Das says, "Let me clarify and re-emphasise that it is a part of the currency management operations of the Reserve Bank…For a long time, the Reserve Bank has been following a clean note policy. From time to time, RBI… pic.twitter.com/Rkae1jG0rU
— ANI (@ANI) May 22, 2023
करेंसी मैनजेंमेंट सिस्टम के तहत हटाये गये 2000 के नोट: आरबीआई गवर्नर ने कहा कि 2000 के नोट को चलन से बाहर करना क्लीन नोट पॉलिसी का हिस्सा है. उन्होंने कहा कि यह आरबीआई के करेंसी मैनजेंमेंट सिस्टम के तहत किया गया है. दास ने यह भी कहा कि लोगों के पास 2000 के नोट बदलने के लिए 4 महीनों का समय मिला है, जो पर्याप्त है. उन्होंने अपील की है कि नोट बदलने के लिए अफरा तफरी न करें. जो कठिनाई होगी आरबीआई उसे सुनेगा और समस्या होने पर उसका तत्काल समाधान भी करेगा.
2000 के नोट ने पूरा कर लिया जीवन चक्र: आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि 2000 के नोट को चलन में लाने का जो उद्देश्य था वो वह पूरा हो गया है. उन्होंने कहा कि बाजार में 2000 के अलावा काफी मात्रा में अन्य नोट मौजूद हैं. उन्होंने कहा कि 2000 रुपये के नोटों का चलन 6 लाख 73000 करोड़ के अपने चरम से घटकर लगभग 3 लाख 62000 करोड़ हो गया है. इस कारण अब इसकी छपाई बंद कर दी गई है. आरबीआई गवर्नर ने कहा कि 2000 के नोटों ने अपना जीवन चक्र पूरा कर लिया है.
#Rs2000CurrencyNote | That purpose has been fulfilled, today there are enough notes in circulation, of other denominations. Even the circulation of Rs 2000 notes as we have explained has come down from its peak of 6 lakh 73,000 crores to about 3 lakh 62,000 crores. The printing… pic.twitter.com/hdXTp1sRpL
— ANI (@ANI) May 22, 2023
बाजार में दूसरे नोटों का कमी नहीं: आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि बाजार में 2000 के नोट को लाने के कई कारण थे, जिनके कारण इस नोट को चलन में लाया गया. इसे एक पॉलिसी के तहत लाया गया था. वहीं उन्होंने कहा कि पुराने नोट बदलने के लिए लगाई पाबंदी को लोग गंभीरता से लेंगे तो अच्छा रहेगा. दास ने कहा कि बैंकों को नोट बदलने का डेटा तैयार करना होगा साथ ही 2000 के नोट का ब्योरा भी रखना होगा. 2000 का नोट बदलने के लिए चार महीने का समय दिया गया है. उन्होंने कहा कि लोग पैनिक न हों न ही जल्दीबाजी करें. बाजार में दूसरे नोटों का कमी नहीं है.
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