नहीं बढ़े हैं कैंसर और अन्य जीवनरक्षक दवाओं के दाम: सरकार
नयी दिल्ली: जीवन रक्षक दवाओं की कीमतों में वृद्धि के आरोप को सिरे से खारिज करते हुए सरकार ने आज कहा कि पिछले छह माह के दौरान इन दवाओं के दामों में कोई वृद्धि नहीं हुई है. इस मामले पर बोलते हुए रसायन और उर्वरक मंत्री अनंत कुमार ने आज राज्यसभा में बताया कि 44 […]
नयी दिल्ली: जीवन रक्षक दवाओं की कीमतों में वृद्धि के आरोप को सिरे से खारिज करते हुए सरकार ने आज कहा कि पिछले छह माह के दौरान इन दवाओं के दामों में कोई वृद्धि नहीं हुई है.
इस मामले पर बोलते हुए रसायन और उर्वरक मंत्री अनंत कुमार ने आज राज्यसभा में बताया कि 44 दवाओं के दाम कंपनियों ने कम किए हैं. साथ ही 108 दवाओं के मूल्य भी घटे हैं.
उन्होंने तपेदिक, एड्स, मधुमेह और हृदय रोगों के इलाज में प्रयुक्त होने वाली 108 दवाओं के मूल्य नियंत्रणमुक्त किए जाने से इंकार करते हुए कहा कि नॉन शिड्यूल्ड सिंगल इन्ग्रेडिएंट (इन गैर अनुसूचित एकल घटक) दवाओं के अधिकतम खुदरा मूल्य की उपरी सीमा तय की गई.
उन्होंने प्रश्नकाल के दौरान बताया कि राष्ट्रीय औषध मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (एनपीपीए) ने 10 जुलाई 2014 की मूल्य अधिसूचनाओं के तहत इन 108 दवाओं की अधिकतम खुदरा मूल्य की ऊपरी सीमा तय की.
अनंत कुमार ने बताया कि इन 108 दवाओं में से दो दवाएं अनुसूचित दवाओं के दायरे में पहले से थीं, इसलिए इनकी अधिसूचना वापस ले ली गई. उन्होंने कहा कि पिछले दिनों 44 दवाओं के दामों को भी कम करते हुए उन्हें औषध मूल्य नियंत्रण के दायरे (डीपीसीओ) में लाया गया है.
बहरहाल, रसायन और उर्वरक मंत्री अनंत कुमार ने इस बात से इंकार किया कि दवाओं के दामों में कमी का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अमेरिका दौरे से कोई लेना देना है. जदयू के शरद यादव ने जानना चाहा था कि मोदी की अमेरिका यात्रा से पहले ही दवाओं के दाम क्यों बढाए गए.
इसके जवाब में अनंत कुमार ने कहा कि हरियाणा में चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कैंसर की दवा के दामों में वृद्धि की बात कही थी जो सही नहीं थी. उन्होंने कहा कि कैंसर की दवा ‘ग्लिवेक’ की 30 गोलियां आज भी 8452.38 रुपये में ही बिकती हैं और यह दाम इस दवा के लिए अधिसूचित उच्चतम मूल्य के अनुसार है.
रसायन और उर्वरक मंत्री ने नरेंद्र कश्यप के पूरक प्रश्न के उत्तर में बताया कि डीपीसीओ 2013 की अनुसूचित श्रेणी में 680 दवाएं शामिल हैं, जो तपेदिक, एड्स, मधुमेह और हृदय रोगों के इलाज के लिए प्रयुक्त की जाती हैं.
उन्होंने बताया कि डीपीसीओ 2013 के प्रावधान के तहत 489 दवाओं के उच्चतम मूल्य निर्धारित किए गए हैं. कोई भी व्यक्ति किसी भी ऐसी दवाओं को उपभोक्ता को एनपीपीए द्वारा निर्धारित मूल्य से अधिक दाम पर नहीं बेच सकता.
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