सन-रैनबैक्सी सौदे को एफआइपीबी ने दिखायी हरी झंडी, सबसे बड़ी फार्मा कंपनी अस्तित्व में आएगी

नयी दिल्ली: विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआइपीबी) ने सन फार्मा व रैनबैक्सी के विलय सौदे को मंजूरी दे दी है. इस तरह चार अरब डॉलर का इस विलय का यह सौदा एक कदम और आगे बढ गया है. गौरतलब है कि सन फार्मा-रैनबैक्सी का यह सौदा पूरा हो जाने के बाद देश में सबसे बड़ी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 1, 2014 6:50 PM
नयी दिल्ली: विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआइपीबी) ने सन फार्मा व रैनबैक्सी के विलय सौदे को मंजूरी दे दी है. इस तरह चार अरब डॉलर का इस विलय का यह सौदा एक कदम और आगे बढ गया है.
गौरतलब है कि सन फार्मा-रैनबैक्सी का यह सौदा पूरा हो जाने के बाद देश में सबसे बड़ी फार्मास्युटिकल कंपनी अस्तित्व में आएगी. वित्त मंत्रालय ने आज कहा कि रैनबैक्सी के सन फार्मा में विलय के अनुरुप सन फार्मा को प्रवासी शेयरधारकों तथा रैनबैक्सी का ग्लोबल डिपाजिटरी रिसीट्स रखने वालों को इक्विटी शेयर जारी करने के लिए एफआइपीबी की मंजूरी मिल गई है.
करार के तहत रैनबैक्सी के शेयरधारकों को अपने एक शेयर पर सनफार्मा का 0.8 शेयर मिलेगा. इस बड़े विलय सौदे की घोषणा अप्रैल में की गई थी लेकिन अभी इसे भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीइ) की अनुमति नहीं मिली है. इस संयुक्त इकाई का कारोबार 65 देशों में होगा. पांच महाद्वीपों पर इसके 47 विनिर्माण संयंत्र होंगे. यह पहला ऐसा सौदा है, जिस पर सीसीआइ ने सार्वजनिक टिप्पणियां मांगी हैं.

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