सहाराश्री को जेल से छुडाने के लिए सहारा समूह ने गुडगांव की 185 एकड जमीन बेची
नयी दिल्ली : सहारा समूह के मालिक सुब्रत राय को जेल से छुडाने के लिए आवश्यक राशि जुटाने हेतु कंपनी ने दिल्ली से सटे हरियाणा के गुडगांव जिले में जमीन का एक बडा टुकडा रीयल एस्टेट कंपनी एम3एम इंडिया लिमिटेड को बेचा है. एम3एम इंडिया ने आज इसकी घोषणा करते हुए बताया कि 185 एकड […]
नयी दिल्ली : सहारा समूह के मालिक सुब्रत राय को जेल से छुडाने के लिए आवश्यक राशि जुटाने हेतु कंपनी ने दिल्ली से सटे हरियाणा के गुडगांव जिले में जमीन का एक बडा टुकडा रीयल एस्टेट कंपनी एम3एम इंडिया लिमिटेड को बेचा है. एम3एम इंडिया ने आज इसकी घोषणा करते हुए बताया कि 185 एकड जमीन गुडगांव जिले के चौमा गांव में है जिसे सहारा ने 12,11 करोड में बेचा है.
एम3एम ने बताया कि इस जमीन पर 1.2 करोड वर्ग फुट में निर्माण किया जा सकता है और इससे करीब 12,000 करोड रुपए की कमाई की जा सकती है. कंपनी इस जमीन का विकास मिश्रित उपयोग के लिए करेगी.एम3एम इंडिया के निदेशक पंकज बंसल ने कहा कि यह बेबसी में किया गया सौदा नहीं है. बल्कि यह सौदा बाजार मूल्य पर हुआ है. उन्होंने कहा कि कंपनी इस राशि का भुगतान छह महीने में किस्तों में करेगी. इसके तहत सहारा समूह को अगली तारीख से चेक जारी किए जा चुके हैं.
उच्चतम न्यायालय के सहारा समूह को अपनी चार घरेलू संपत्तियों की बिक्री की अनुमति दिए जाने के बाद ही यह समझौता किया गया है. इन परिसंपत्तियों से 2,710 करोड रुपए आने की उम्मीद है. सहाराश्री सुब्रत राय को जेल से छुडाने के लिए 10,000 करोड रुपए जुटाना है.
अदालत ने सहारा को गुडगांव में चौमा की जमीन के अलावा जोधपुर, पुणे और मुंबई में वसई की जमीनों की बिक्री की भी अनुमति दे दी है. न्यायालय ने यह संतुष्टि होने के बाद यह अनुमति दी है कि ये सौदे उसके 4 जून 2014 के आदेश के अनुरुप हैं.मामले की सुनवाई कर रही उच्चतम न्यायालय की पीठ को बताया गया था कि जोधपुर, चौमा और वसई की संपत्तियों के लिए 184.5 करोड रुपए ले लिए हैं. इसके बाद उसे सेबी के वकील को तीन डिमांड ड्राफ्ट और एक चेक सौंपने की मंजूरी मिली.
सहारा समूह ने न्यायालय में इससे पहले नौ घरेलू अचल संपत्तियों की सूची पेश की थी जिसे वह बेचना चाहता है. इसमें से अहमदाबाद की संपत्ति बेच कर 411.82 करोड रुपए जुटाए जा चुके हैं. यह राशि सेबी के खाते में जमा करायी जा चुकी है. राय को निवेशकों का 20,000 करोड रुपए ब्याज समेत वापस नहीं करने के आरोप में इस साल चार मार्च को जेल भेजा गया.
अदालत ने उन्हें जमानत पर छोडने के लिए 10,000 करोड रुपए का भुगतान करने का निर्देश दिया था जिसमें से 5,000 करोड रुपए का भुगतान नकद करना है. इसके अलावा शेष राशि बैंक गारंटी के तौर पर दी जा सकती है. सहारा ने इससे पहले 3,117 करोड रुपए जुटाए थे और उसे सेबी के पास जमा कराया था.
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