नयी दिल्ली : भारतीय नौसेना के लिए 16 बहुद्देश्यीय हेलीकाप्टर की आपूर्ति का ठेका अमेरिकी कंपनी सिकोरस्काई को मिला है. आधिकारिक सूत्रों के अनुसार यह अनुबंध 6000 करोड रुपये का है. रक्षा मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि नौसेना के इस प्रस्ताव के लिए वाणिज्यिक बोलियां कल खोली गयी और चूंकि यूरोपीय कंपनी फिनमैकेनिका पर ‘आंशिक प्रतिबंध’ के बाद यही कंपनी दौड में बची थी इसलिए यह विजेता बनकर उभरी.
अगस्तावेस्टलैंड की पैतृक कंपनी फिनमैकेनिका पर इस साल अगस्त में ‘आंशिक प्रतिबंध’ लगा दिया गया था. अगस्तावेस्टलैंड 3550 करोड रुपये के वीवीआईपी हेलीकाप्टर सौदा विवाद में फंस गयी थी. रक्षा अधिग्रहण परिषद ने कंपनी पर प्रतिबंध लगाते हुए कहा था कि वह भविष्य के किसी भी रक्षा सौदे में भाग नहीं ले सकेगी.
फिनमेकैनिका इस सौदे के लिए बोली लगाने वाले यूरोपीय कंपनियों के समूह यूरोपियन एनएच 90 में शामिल थी. रक्षा सूत्रों ने कहा, यह वैश्विक टेंडर था और अंत में केवल दो ही कंपनियां बचीं. चूंकि वाणिज्यिक निविदा खुलने से पहले ही एक कंपनी पर अन्य सौदे के संबंध में प्रतिबंध लगा दिया गया तो स्कोरस्काई विजेता के रुप में उभरी.
उन्होंने कहा कि यह एक ही वेंडर वाली स्थिति नहीं थी. अब सिकोरस्काई के एस 70 बी सीहॉक के लिए अंतिम बातचीत शुरू होगी. सिकोरस्काई के क्षेत्रीय कार्यकारी व सेवानिवृत्त एयर वाइस मार्शल अरविंद वालिया ने कहा कि उन्हें सिकोरस्काई के चयन पर खुशी है.
उन्होंने कहा कि कंपनी को अनुबंध संबंधी बातचीत के लिए बुलाया गया है. सीहॉक अमेरिकी सेना के ब्लैक हॉक यूएच 60 हेलीकाप्टर का एक संस्करण है. नौसेना ने 16 हेलीकाप्टर के लिए 2008 में टेंडर जारी किया था जिसमें आठ और हेलीकाप्टरों की खरीद का विकल्प शामिल है. सूत्रों ने कहा कि नौसेना की तत्काल जरुरत को देखते हुए बातचीत तेज की जाएगी.
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.