शेयर समीक्षा : बाजार में चल सकता है मुनाफावसूली का दौर
मुद्रास्फीति व आईआईपी के आंकड़ों पर रहेगी निगाह नयी दिल्ली : भारतीय शेयरों में निकट भविष्य में उतार-चढाव का सिलसिला जारी रह सकता है. विशेषज्ञों का कहना है कि आगामी सप्ताह निवेशकों की निगाह मुद्रास्फीति व कारखाना उत्पादन के आंकड़ों पर रहेगी. इसके अलावा विदेशी निवेशकों की गतिविधियां, डॉलर के मुकाबले रुपये का उतार चढाव, […]
मुद्रास्फीति व आईआईपी के आंकड़ों पर रहेगी निगाह
नयी दिल्ली : भारतीय शेयरों में निकट भविष्य में उतार-चढाव का सिलसिला जारी रह सकता है. विशेषज्ञों का कहना है कि आगामी सप्ताह निवेशकों की निगाह मुद्रास्फीति व कारखाना उत्पादन के आंकड़ों पर रहेगी. इसके अलावा विदेशी निवेशकों की गतिविधियां, डॉलर के मुकाबले रुपये का उतार चढाव, कच्चे तेल की कीमतें कारोबारी धारणा पर असर डालती रहेंगी.
रेलिगेयर सिक्योरिटीज लिमिटेड के खुदरा वितरण विभाग के अध्यक्ष जयंत मांगलिक ने कहा, यह सप्ताह काफी महत्वपूर्ण होगा क्योंकि कारोबारियों की निगाह नवंबर के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के आंकडों पर होगी, जो 12 दिसंबर को आयेगा. इसी दिन बाजार को अक्तूबर के लिए औद्योगिक उत्पादन (आईआईपी) आंकडों के जारी होने का भी इंतजार होगा.
उन्होंने कहा कि इसके अलावा कारोबारियों की संसद के चालू शीतकालीन सत्र में हो रहे घटनाक्रमों पर भी नजर होगी. शीतकालीन सत्र 24 नवंबर से शुरू हुआ है और यह 23 दिसंबर को समाप्त होगा. पिछले सप्ताह बंबई शेयर सेंसेक्स करीब 236 अंक की गिरावट के साथ 28,458.10 अंक पर बंद हुआ.
पिछले महीने 28 नवंबर को सेंसेक्स 28,822.37 अंक की सर्वकालिक रिकार्ड उंचाई को छू गया था. कैपिटल विया ग्लोबल रिसर्च के सीएमटी, शोध निदेशक विवेक गुप्ता ने कहा, निकट भविष्य में चालू शीतकालीन सत्र में आगे किसी भी सुधार पहल के हिसाब से सूचकांक में हरकत होगी.
एक अन्य विश्लेषक बोनान्जा पोर्टफोलियो के वरिष्ठ उपाध्यक्ष राकेश गोयल ने कहा, सुगठन के एक सप्ताह बाद आने वाले एक दो कारोबारी सत्रों में हमें बाजार में कुछ मुनाफावसूली देखने को मिल सकती है. बाजार ने सेल की विनिवेश पेशकश के प्रति सकारात्मक रुख दिखाया है जिससे पता चलता है कि खुदरा जोखिम सहने की क्षमता अब भी कायम है. बाजार का सकारात्मक रुझान और विदेशी संस्थागत निवेशकों का सतत निवेश बाजार को मजबूती देता रहेगा.
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