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80 सी के तहत कर में छूट पाने का सही तरीका

।। प्रदीप जैन ।। आयकर देनेवाला प्रत्येक वेतनभोगी या व्यवसायी आयकर में छूट हासिल करने के लिए किसी न किसी योजना में निवेश अवश्य करता है. यह छूट मुख्यत: आयकर की धारा 80-सी के तहत मिलती है. अक्सर लोगों को इस धारा के प्रावधानों की तथा योजनाओं की पूरी जानकारी नहीं होती है. इसलिए देखा […]

।। प्रदीप जैन ।।
आयकर देनेवाला प्रत्येक वेतनभोगी या व्यवसायी आयकर में छूट हासिल करने के लिए किसी न किसी योजना में निवेश अवश्य करता है. यह छूट मुख्यत: आयकर की धारा 80-सी के तहत मिलती है. अक्सर लोगों को इस धारा के प्रावधानों की तथा योजनाओं की पूरी जानकारी नहीं होती है.
इसलिए देखा गया है कि कर छूट वाली किसी भी योजना में लोग निवेश कर देते हैं, चाहे वो उनके लिए उपयुक्त हो या नहीं. बचत तथा निवेश अपनी आर्थिक जरूरतों, वित्तीय लक्ष्यों तथा जोखिम लेने की अपनी क्षमता के अनुसार किया जाता है, न कि सिर्फ कर में छूट हासिल करने के लिए. इसलिए सरकार ने इस धारा के तहत कई तरह की योजनाओं का प्रावधान किया हुआ है जिससे कि आपको अपने मतलब की योजनाओं को चुनने में आसानी हो. यह छूट सिर्फ निवेश योजनाओं में ही नहीं, बल्कि आपके द्वारा बच्चों की ट्यूशन फीस पर किये गये खर्च या होम लोन के पुनभरुगतान में मूलधन की राशि या घर की खरीद पर खर्च हुये स्टैम्प ड्यूटी एवं निबंधन शुल्क पर भी हासिल होती है.
अनेक विकल्प मौजूद हैं
निवेश तथा बचत की योजनाओं में तीन साल से लेकर जीवनभर चलनेवाली योजनाएं उपलब्ध हैं. कुछ योजनाओं में निश्चित ब्याज मिलता है तो कुछ योजनाओं का रिटर्न शेयर बाजार पर आधारित होता है. कुछ योजनाओं में जीवन बीमा का कवर मिलता है, तो कुछ योजनाएं आपको पेंशन देने वाली होती हैं.
कुछ योजनाओं में आपको सिर्फ एक बार निवेश करना है, तो कुछ योजनाओं में आपको निरंतर निवेश करते रहने की बाध्यता होती है. कुछ निवेश पर आपको आवश्यकता पड़ने पर कर्ज मिल सकता है, तो कुछ पर नहीं. अत: योजनाओं का चयन करने के पहले उसकी शर्तो का ध्यानपूर्वक अध्ययन करना आवश्यक है जिससे कि आप उपयुक्त योजनाओं का चयन कर सकें.
1.5 लाख रुपये तक की छूट
आयकर की धारा 80-सी के तहत मिलनेवाली छूट अब 1.50 लाख रुपये हो गयी है. आपकी जानकारी के लिए इस धारा के तहत छूट योग्य योजनाओं तथा खर्चो की संक्षिप्त सूची दी जा रही है :
– कर्मचारी भविष्य निधि (इपीएफ), लोक भविष्य निधि (पीपीएफ) में अंशदान
– म्यूचुअल फंड की इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम (इएलएसएस) त्नबच्चों की ट्यूशन फीस त्नहोम लोन के मूलधन का पुनर्भुगतान
– जीवन बीमा का प्रीमियम
– यूनिट लिंक्ड इंश्योरेन्स प्लान (यूलिप)
– जीवन बीमा की पेंशन योजनाएं
– घर खरीद पर दी गयी स्टैम्प ड्यूटी तथा निबंधन शुल्क
– बैंकों की पांच वर्षीय कर बचत वाले फिक्स डिपोजिट
– डाकघर का पांच वर्षीय सावधि जमा
– नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट (एनएससी)
– सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम-नेशनल पेंशन स्कीम (एनपीएस)
– नेशनल हाउसिंग बैंक का सुवृद्धि बांड
– नाबार्ड रूरल बांड तथा भविष्य निर्माण बांड.
अपने लिए चुनें सही योजना
धारा 80-सी की छूट हिंदू अविभाजित परिवार (एचयूएफ) को भी मिलती है. सभी योजनाओं में कुछ खूबियों के साथ कुछ कमियां भी हैं. आयकर से छूट हासिल करना आपकी वित्तीय योजना का एक महत्वपूर्ण अंग होता है. इसे गंभीरता से लें. बैंकों के रिलेशनशिप मैनेजर तथा कुछ बीमा एजेंट टारगेट पूरा करने के लिए आपको अनपयुक्त योजना या पॉलिसी चिपका सकते हैं. इसलिए इनके बारे में जानकारी जुटाये या किसी अच्छे सलाहकार की मदद लें.
(लेखक निवेश सलाहकार हैं.)

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