वाशिंगटन: विश्व बैंक भारत को सभी के लिए स्वच्छ ऊर्जा उपलब्ध कराने के लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद करेगा. यह बात अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थान के प्रमुख जिम यंग किम ने कही.
किम ने कल कहा कि हम भारत को स्वच्छ ऊर्जा के मार्ग पर चलने में मदद करने के लिए हरसंभव पहल करेंगे. किम ने कहा कि यदि हम भारत में और अधिक बस रैपिड ट्रांजिट प्रणाली विकसित कर सकें, यदि हम और कई हजार किलोमीटर बस रैपिड ट्रांजिट प्रणाली का विकास कर सके तो इसका बहुत अच्छा असर होगा.
वहां पहले से गैस-ईंधन वाली बसें चल रही हैं जो अपेक्षाकृत ज्यादा स्वच्छ हैं. किम इस साल भारत यात्रा पर आए थे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी.
उन्होंने कहा कि इसलिए हम बहुत कुछ कर सकते हैं. प्रधानमंत्री मोदी जो करना चाह रहे हैं. यह हमारी उनके प्रति जिम्मेदारी है. मोदी ने उन्होंने मुझसे विशेष तौर पर कहा. मुझे जो करना है यदि उसके लिए आप स्वच्छ तरीके ढूंढ सकें और जो स्कूल से निकल रहे और नौकरी की तलाश कर रहे युवाओं के लिए रोजगार सृजन में सहायक हों तो ये खुशी की बात होगी.
किम ने कहा कि वह आशावान हैं लेकिन कुल मिलाकर चर्चा बेहद जटिल थी. उन्होंने कहा कि 40 करोड़ लोग 1.25 डालर प्रतिदिन से भी कम के स्तर पर गुजर-बसर कर रहे हैं और यह भी उनकी (मोदी की) जिम्मेदारी है. विश्व बैंक प्रमुख ने कहा कि उनकी मोदी के साथ कई बार मुलाकातें हुई है.
विश्वबैंक प्रमुख किम ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने मुझसे कहा कि उन्होंने सौर उर्जा बढाने के लिहाज से बहुत काम किया है. इसलिए वह सौर उर्जा के बडे समर्थक हैं. जब वह गुजरात में थे तो उन्होंने ऐसा किया.
उन्होंने कहा कि उनके सामने बड़ी समस्या है कि उन्हें अभी भी भारत की 1.25 डॉलर प्रति दिन के कम के स्तर पर जीवन-यापन करने वाले 40 करोड़ की आबादी को ऊर्जा मुहैया कराने के तरीके ढूंढने हैं जिसका सकारात्मक असर हो. उन्होंने कहा कि मोदी चर्चा में साफ और खुले थे.
किम ने कहा कि निश्चित तौर पर, मोदी कहते हैं कि हमें औद्योगीकरण का मौका चाहिए . हमें रोजगार सृजन का मौका चाहिए, हमें ऊर्जा चाहिए.
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