भारतीय इस्पात उत्पादों पर अमेरिकी शुल्क वृद्धि गलत : WTO
नयी दिल्ली: विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) ने भारत से आयातित कुछ निश्चित इस्पात उत्पादों पर उच्च शुल्क लगाने के मामले में अमेरिका के खिलाफ फैसला सुनाया है. इससे भारत के इस्पात उद्योग को बड़ी राहत मिली है. विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के अपीलीय निकाय ने अपने निर्णय में कहा कि भारत के इस्पात उत्पादों पर […]
नयी दिल्ली: विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) ने भारत से आयातित कुछ निश्चित इस्पात उत्पादों पर उच्च शुल्क लगाने के मामले में अमेरिका के खिलाफ फैसला सुनाया है. इससे भारत के इस्पात उद्योग को बड़ी राहत मिली है.
विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के अपीलीय निकाय ने अपने निर्णय में कहा कि भारत के इस्पात उत्पादों पर अमेरिका द्वारा शुल्क लगाना सब्सिडी और प्रतिपूरक उपायों पर किये गये समझौते के खिलाफ है.हालांकि निकाय ने जिनेवा स्थित संगठन के विवाद निपटान आयोग के तथ्यों को भी खारिज कर दिया जो भारत के पक्ष में था.
अपीलीय निकाय ने यह भी सिफारिश की, कि अमेरिका को अपने नियमों में सुधार करना चाहिए और उसे डब्ल्यूटीओ के समझौते के अनुरुप बनाना चाहिए.
भारत ने 2012 में डब्ल्यूटीओ में शिकायत दर्ज करायी थी. इस वर्ष जुलाई में डब्ल्यूटीओ के विवाद निपटान आयोग ने अमेरिका द्वारा भारत से आयातित इस्पात उत्पादों पर उच्च शुल्क लगाने को लेकर भारत के पक्ष में फैसला सुनाया था.
अमेरिकी वाणिज्य विभाग ने भारत से आयातित हॉट रोल्ड कार्बन स्टील फ्लैट उत्पादों (स्टील की चादरें आदि) पर प्रतिपूरक शुल्क लगाया था.
रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका ने इन उत्पादों के आयात पर करीब 300 प्रतिशत शुल्क लगाया था. अमेरिका का कहना था कि कुछ भारतीय कंपनियों को वहीं की सरकार अप्रत्यक्ष रुप से सब्सिडी दे रही थी, इसीलिए उसने उच्च शुल्क लगाया.
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.