बीमा विधेयक : मंत्रिमंडल ने दी हरी झंडी, राज्यसभा में पेश होगा अगले सप्ताह

नयी दिल्ली : केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बीमा क्षेत्र में कुल मिलाकर 49 प्रतिशत विदेशी निवेश की सीमा के साथ बीमा संशोधन विधेयक पर अपनी सहमति की मुहर लगा दी. विधेयक में संसदीय समिति के सुझावों को शामिल करते हुये बदलाव किये गये हैं. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आज हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 10, 2014 10:02 PM

नयी दिल्ली : केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बीमा क्षेत्र में कुल मिलाकर 49 प्रतिशत विदेशी निवेश की सीमा के साथ बीमा संशोधन विधेयक पर अपनी सहमति की मुहर लगा दी. विधेयक में संसदीय समिति के सुझावों को शामिल करते हुये बदलाव किये गये हैं.

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आज हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में संसद की प्रवर समिति द्वारा सुझाये गये संशोधनों को बीमा कानून (संशोधन) विधेयक 2008 में शामिल करने को मंजूरी दी गई. विधेयक को राज्यसभा में अगले सप्ताह विचार एवं पारित करने के लिए रखे जाने की संभावना है.
इससे पहले आज प्रवर समिति की राज्यसभा के पटल पर रखी गई रिपोर्ट में बीमा क्षेत्र में सकल विदेशी निवेश सीमा को बढाकर 49 प्रतिशत करने का सुझाव दिया गया. यह सीमा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआइ) और विदेशी पोर्टफोलियो निवेश (एफपीआइ) सहित कुल मिलाकर होगी.
वर्तमान में निजी क्षेत्र की बीमा कंपनियों में 26 प्रतिशत एफडीआइ की अनुमति है. एफडीआइ सीमा बढाने से इस क्षेत्र में 50,000 करोड़ रुपये की विदेशी पूंजी आकर्षित होने की उम्मीद की जा रही है.
इस रिपोर्ट समिति ने यह सिफारिश की है कि बीमा क्षेत्र में 49 प्रतिशत की सकल निवेश सीमा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश और विदेशी पोर्टफोलियो निवेश के सभी स्वरुपों में किये जाने वाले निवेश सहित होगी.
बीमा कानून (संशोधन) विधेयक 2008 को राज्यसभा में पारित कराने के लिये कांग्रेस का समर्थन महत्वपूर्ण है, क्योंकि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार को राज्यसभा में बहुमत हासिल नहीं है.
माना जा रहा है कि पिछले छह साल से लटके पड़े बीमा संशोधन विधेयक को राज्यसभा में पारित कराना इतना आसान नहीं होगा. कुछ राजनीतिक दलों ने बीमा क्षेत्र में एफडीआइ सीमा बढाने का विरोध किया है.

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