एस्सार स्टील ने किया करार
नयी दिल्ली: संयंत्रों में इस्पात बनाने की प्रक्रिया में पैदा होने वाले लावा (धातुमल) से लोहा निकालने के लिए एस्सार स्टील ने हैर्सको इंडिया के साथ 960 करोड़ रुपये का एक समझौता किया है. एस्सार स्टील का लक्ष्य ‘शून्य बर्बादी’ वाली कंपनी बनने का है. एस्सार स्टील ने एक बयान जारी कर कहा, ‘‘ यह […]
नयी दिल्ली: संयंत्रों में इस्पात बनाने की प्रक्रिया में पैदा होने वाले लावा (धातुमल) से लोहा निकालने के लिए एस्सार स्टील ने हैर्सको इंडिया के साथ 960 करोड़ रुपये का एक समझौता किया है.
एस्सार स्टील का लक्ष्य ‘शून्य बर्बादी’ वाली कंपनी बनने का है. एस्सार स्टील ने एक बयान जारी कर कहा, ‘‘ यह समझौता 15 साल के लिए है जिसका मूल्य 16 करोड़ डालर (करीब 960 करोड़ रुपये) है. समझौते के मुताबिक, हैर्सको लावा से लोहा निकालेगी जिसका इस्पात विनिर्माण में दोबारा इस्तेमाल किया जाएगा.’’ हजीरा में सालाना एक करोड़ टन का इस्पात संयंत्र चलाने वाली एस्सार स्टील विभिन्न निर्माण सामग्रियों के लिए लावा का इस्तेमाल करती रही है, लेकिन हैर्सको के साथ गठजोड़ करने का निर्णय इसलिए किया गया है ताकि लावा में लौह तत्व की बर्बादी खत्म की जा सके. हैर्सको लावा का प्रसंस्करण कर धातु निकालने वाली अग्रणी कंपनी है.
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