सार्वजनिक क्षेत्र के तीन बड़े बैंकों के प्रमुखों के लिए हो सकता है नए सिरे से साक्षात्कार

नयी दिल्ली: वित्त मंत्रालय तीन बडे सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के शीर्ष पदों के लिए नए सिरे से साक्षात्कार लेने पर विचार कर रहा है. मंत्रालय की योजना निजी क्षेत्र से भी उम्मीदवारों को साक्षात्कार के आमंत्रित करने की है जिससे उसके पास चयन के लिए व्यापक विकल्प हों. सूत्रों ने बताया कि एक प्रस्ताव […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 14, 2014 12:44 PM

नयी दिल्ली: वित्त मंत्रालय तीन बडे सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के शीर्ष पदों के लिए नए सिरे से साक्षात्कार लेने पर विचार कर रहा है. मंत्रालय की योजना निजी क्षेत्र से भी उम्मीदवारों को साक्षात्कार के आमंत्रित करने की है जिससे उसके पास चयन के लिए व्यापक विकल्प हों.

सूत्रों ने बताया कि एक प्रस्ताव है कि ए-श्रेणी के बैंको के कार्यकारी प्रमुखों के लिए साक्षात्कार फिर से हो सकता है जिसमें निजी क्षेत्र के बैंकों के उम्मीदवार भी हिस्सा ले सकते हैं.
बैंक आफ बड़ौदा के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक का पद 31 जुलाई, 2014 से खाली है जबकि पंजाब नेशनल बैंक और केनरा बैंक में भी इस साल अक्तूबर से सीएमडी का पद खाली है.
सूत्रों ने कहा कि यदि मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति (एसीसी) सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में निदेशकों की नियुक्ति से जुडे़ नियमों में बदलाव को अनुमति देती है तो वित्त मंत्रालय जल्दी ही निजी क्षेत्र समेत इच्छुक उम्मीदवारों से आवेदन आमंत्रित करने के लिए विज्ञापन जारी कर सकता है.
सूत्रों ने कहा कि हालांकि मौजूदा ढांचे के तहत निजी क्षेत्र से शायद ही कोई उम्मीदवार इसके लिए आवदेन करे क्योंकि यहां वेतन का स्तर काफी कम है.
इसका प्रमाण इस बात से मिलता है कि हाल में कोल इंडिया के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक की चयन प्रक्रिया के लिए सरकार के आवेदन मांगने के बावजूद निजी क्षेत्र के किसी पेशेवर ने विश्व की इस सबसे बडी कोयला खनन कंपनी के प्रमुख के पद में रुचि जाहिर नहीं की.
सरकारी इकाइयों के लिए प्रमुखों की नियुक्ति करने वाले सार्वजनिक उपक्रम नियुक्ति बोर्ड (पीईएसबी) ने उन 12 नौकरशाहों में से एक को चुना जिन्होंने इस पद के लिए आवेदन किया था.
विशेषज्ञों के मुताबिक सरकार निजी क्षेत्र से आवेदन मांग सकती है लेकिन अभी किसी के आवेदन की कोई संभावना नहीं है क्योंकि वेतन में भारी अंतर है.
अधिकारी ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के लिए शीर्ष पद की योग्यता को पूरा करना मुश्किल होगा और उनके लिए सतर्कता तथा अन्य नियामक मंजूरी मिलनी भी मुश्किल होगी.
यदि इसकी मंजूरी मिल जाती है तो यह पहला मौका होगा जबकि सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के प्रमुख के लिए निजी क्षेत्र से आवेदन आमंत्रित करेगी.
इससे पहले संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार ने सरकारी स्वामित्व वाली अनुषंगी आईआईएफसीएल में निजी क्षेत्र के पेशेवर लाने की कोशिश की थी. बाद में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने लंदन की निजी इक्विटी कंपनी 3-आई के भागीदार दीपक बागला का नाम खारिज कर दिया था.
वित्त मंत्रालय ने पांच बी श्रेणी के सरकारी बैंकों में मुख्य कार्यकारी तथा प्रबंध निदेशकों की नियुक्ति के लिए अपनी सिफारिश कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग को भेज दी है.

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Next Article

Exit mobile version