दूरसंचार टावरों से रेडिएशन की आशंकाओं को दूर करने के लिए मीडिया अभियान चलाएगा डॉट

नयी दिल्ली: दूरसंचार विभाग (डॉट) ने अपनी निगरानी इकाई टर्म से दूरसंचार टावरों से निकलने वाले विकिरण (रेडिएशन) से स्वास्थ्य पर पड़ने वाले संभावित प्रभाव के बारे में अनावश्यक आशंकाओं को दूर करने के लिए मीडिया अभियान चलाने को कहा है. दूरसंचार प्रवर्तन संसाधन एवं निगरानी (टर्म) प्रकोष्ठ को लिखे पत्र में दूरसंचार विभाग ने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 15, 2014 2:29 PM

नयी दिल्ली: दूरसंचार विभाग (डॉट) ने अपनी निगरानी इकाई टर्म से दूरसंचार टावरों से निकलने वाले विकिरण (रेडिएशन) से स्वास्थ्य पर पड़ने वाले संभावित प्रभाव के बारे में अनावश्यक आशंकाओं को दूर करने के लिए मीडिया अभियान चलाने को कहा है.

दूरसंचार प्रवर्तन संसाधन एवं निगरानी (टर्म) प्रकोष्ठ को लिखे पत्र में दूरसंचार विभाग ने कहा है कि गुजरात उच्च न्यायालय ने एक आदेश के जरिये निर्देश दिया है कि टावरों से विकिरण को लेकर आशंकाओं को दूर करने को जनता के बीच जागरुकता के लिए कदम उठाए जाने चाहिए.
टर्म के तहत देश के कुल 24 दूरसंचार सर्किलों और इनके तहत आने वाले 10 बडे़ दूरसंचार जिलों में 34 प्रकोष्ठ बनाए गए हैं. टर्म नेटवर्क की निगरानी, सतर्कता व सुरक्षा का काम देखता है.
दूरसंचार विभाग ने पत्र में कहा है कि टर्म की इकाइयों से जनता के बीच ईएमएफ रेडिएशन से स्वास्थ्य पर संभावित असर के बारे में आशंकाओं को दूर करने के लिए जन जागृति के आवश्यक कदम उठाने का आग्रह किया जाता है.
विभाग ने इस बात का भी उल्लेख किया है कि इस बारे में अहमदाबाद के टर्म ने लोगों में जागरुकता बढाने के लिए अखबार और इलेक्ट्रानिक मीडिया में प्रचार और कार्यशाला आदि के जरिए कई कदम उठाए है.
गौरतलब है कि गुजरात उच्च न्यायालय ने विकिरण के प्रभाव से जुडे़ एक मामले में एक सहकारी आवास समिति की याचिका खारिज कर दी. समिति ने परिसर में स्थापित एक दूरसंचार खंभे को हटवाने की मांग की थी. इससे पहले दूरसंचार विभाग द्वारा गठित एक विशेषज्ञ समिति ने कहा था कि दूरसंचार स्तंभों के विकिरण के दुष्प्रभाव के बारे में कोई पुख्ता सबूत नहीं मिला है.

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