कालाधन विदेश भेजने में भारत तीसरे नंबर पर, नौगुणा बढ़ा प्रवाह
वाशिंगटन : भारत से विदेश जाने वाले काले धन का सालाना प्रवाह दस साल में नौगुना बढकर 2012 में 94.7 अरब डालर हो गया, जो 2003 में 10 अरब डालर था. वर्ष 2003-2012 के दौरान काले धन के विदेश में प्रवाह के लिहाज से भारत, चीन, रुस और मेक्सिको के बाद चौथे स्थान पर रहा. […]
वाशिंगटन : भारत से विदेश जाने वाले काले धन का सालाना प्रवाह दस साल में नौगुना बढकर 2012 में 94.7 अरब डालर हो गया, जो 2003 में 10 अरब डालर था. वर्ष 2003-2012 के दौरान काले धन के विदेश में प्रवाह के लिहाज से भारत, चीन, रुस और मेक्सिको के बाद चौथे स्थान पर रहा. इससे पहले मलेशिया चौथे स्थान पर था.
भारत से विदेशों को भेजा गये काले धन का स्तर इतना अधिक रहा कि 2012 में इस सूची में भारत तीसरे स्थान पर पहुंच गया. वाशिंगटन की अनुसंधान संस्था ग्लोबल फिनांशल इंटेग्रिटी (जीएफआई) ने अपनी ताजा रपट में कहा कि 2003 में भारत से 10.17 अरब डालर काला धन विदेशों में गया था. 2004 में यह बढकर 19.41 अरब डालर और 2005 में 20 अरब डालर हो गया.
रपट के मुताबिक 2006 में भारत से 28 अरब डालर काला धन बाहर गया जो 2007 में 34.6 अरब डालर और 2008 में बढकर 47.1 अरब डालर हो गया. काले धन के प्रवाह में 2009 में अचानक गिरावट आयी जबकि यह घटकर 29 अरब डालर रह गया. जीएफआई ने कहा कि लेकिन इसके अगले साल 2010 में भारत से काले धन का प्रवाह दोगुना से अधिक बढकर 70 अरब डालर और 2011 में यह 86 अरब डालर हो गया.
दरअसल देश से बाहर जाने वाला काला धन प्रवासी भारतीयों द्वारा देश में भेजी जाने वाली राशि से अधिक है. विश्व बैंक की ताजा रपट के मुताबिक 2014 में भारत में 71 अरब डालर का रेमिटांस (प्रवासियों द्वारा भेजी जाने वाली राशि) आने की उम्मीद है.
यह राशि 2003 के मुकाबले बहुत अधिक है जबकि देश में आने वाला रेमिटांस 16.39 अरब डालर और काले धन का प्रवाह 10.177 अरब डालर था. जीएएफआई के मुताबिक पिछले 10 साल में सबसे अधिक काला धन जिन देशों से बाहर गया उनमें चीन, रुस, मेक्सिको, भारत और मलेशिया शामिल हैं.
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