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विमानन कंपनियों के लिये राहत पैकेज पर सरकार कर रही है विचार

नयी दिल्ली : स्पाइसजेट की समस्याओं के बीच नागर विमानन मंत्रालय विमानन उद्योग को बुनियादी ढांचे का दर्जा देने के मामले को आगे बढा सकता है ताकि कंपनियों को सस्ती दर वित्त सुविधा मिल सके और उनका नकदी संकट दूर हो सके. आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि केवल स्पाइसजेट के लिये नहीं बल्कि पूरे उद्योग […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 19, 2014 8:19 AM

नयी दिल्ली : स्पाइसजेट की समस्याओं के बीच नागर विमानन मंत्रालय विमानन उद्योग को बुनियादी ढांचे का दर्जा देने के मामले को आगे बढा सकता है ताकि कंपनियों को सस्ती दर वित्त सुविधा मिल सके और उनका नकदी संकट दूर हो सके. आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि केवल स्पाइसजेट के लिये नहीं बल्कि पूरे उद्योग के लिये एक राहत पैकेज तैयार किया जा रहा है.

वित्त तथा नागर विमानन मंत्रालयों के अधिकारियों के बीच अनौपचारिक बातचीत हुई है. सूत्रों ने माना कि स्पाइसजेट के कारण इस प्रकार के पैकेज दिये जाने की तैयारी हो रही है. संकट से गुजर रहे विमानन उद्योग को मदद देने के लिये कई प्रस्तावों पर विचार किया जा रहा है.

इसमें उन्हें निम्न दर पर बाह्य वाणिज्यिक उधारी तक पहुंच की अनुमति तथा निश्चित अवधि के लिये कर छूट शामिल हैं. प्रस्तावों में बैंकों से विमानन कंपनियों के कर्ज पर ब्याज आठ प्रतिशत पर नियत करने तथा तेल कंपनियों के बकाये के भुगतान के लिये नयी समयसीमा का निर्धारण करना भी शामिल है.

सूत्रों ने कहा कि इन प्रस्तावों पर अभी विचार किया जा रहा है और प्रधानमंत्री कार्यालय तथा वित्त एवं कारपोरेट कार्य मंत्रालय से विचार-विमर्श के बाद ही इस बारे में कोई निर्णय किया जाएगा.

स्पाइसजेट के एक मूल प्रवर्तक ने विमानन मंत्री से की मुलाकात

विमानन कंपनी स्पाइसजेट को संकट से बाहर निकालने के प्रयास के तहत कंपनी के मूल प्रवर्तकों में से एक अजय सिंह ने आज नागर विमानन मंत्री अशोक गजपति राजू से यहां मुलाकात की. देर शाम हुई बैठक के बाद राजू ने कहा, ‘स्पाइसजेट ने मंत्रालय से कहा है कि उन्हें निवेशक मिल सकता है. विमानन कंपनी का कोई सुरक्षा मसला नहीं है लेकिन कंपनी वित्तीय संकट से गुजर रही है.

वे अपनी वित्तीय समस्याओं को दूर करने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि सिंह ने विमानन कंपनी के बारे में विचारों को साझा किया. हालांकि अबतक कोई ठोस योजना नहीं आयी है. हालांकि मंत्री ने इस बारे में कुछ नहीं कहा कि क्या कोई घरेलू या अंतरराष्ट्रीय निवेशक नकदी संकट से जूझ रही कंपनी में पैसा लगाएगा.

उन्होंने इस बात की पुष्टि की कि एयरलाइन ने हवाईअड्डों तथा तेल विपणन कंपनियों समेत विभिन्न पक्षों के अपने उपर बकाये को लौटाने की समयसीमा फिर से निर्धारण किये जाने की मांग की है.

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