कर चोरी व काला धन मामले में सेबी ने किया 260 इकाइयों पर प्रतिबंधित

मुंबई : शेयर कारोबार मंचों के जरिये कर चोरी तथा काले धन को सफेद बनाने (मनीलांड्रिंग) के संदेह में अबतक की सबसे बडी कार्रवाई करते हुए बाजार नियामक सेबी ने आज 260 इकाइयों को प्रतिभूति बाजार में किसी प्रकार का लेन-देन करने से प्रतिबंधित कर दिया. भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बाजार (सेबी) मामले की आगे […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 20, 2014 11:55 AM

मुंबई : शेयर कारोबार मंचों के जरिये कर चोरी तथा काले धन को सफेद बनाने (मनीलांड्रिंग) के संदेह में अबतक की सबसे बडी कार्रवाई करते हुए बाजार नियामक सेबी ने आज 260 इकाइयों को प्रतिभूति बाजार में किसी प्रकार का लेन-देन करने से प्रतिबंधित कर दिया. भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बाजार (सेबी) मामले की आगे जांच करेगा.

साथ ही इस सिलसिले में जरुरी कार्रवाई के लिये उसने मामले को आयकर विभाग, प्रवर्तन निदेशालय, वित्तीय आसूचना इकाई समेत अन्य एजेंसियों को भेजने को निर्णय किया है. दो अलग-अलग अंतरिम आदेशों में सेबी ने कहा कि इन 260 इकाइयों को तत्काल प्रभाव से अगले आदेश तक प्रतिभूति बाजार से प्रतिबंधित किया जाता है.

इसके तहत वे न तो प्रत्यक्ष रुप से और न ही परोक्ष तरीके से प्रतिभूतियों की खरीद-बिक्री कर पाएंगे. सेबी ने शेयर बाजारों तथा डिपोजिटरीज से यह सुनिश्चित करने को कहा है कि उसके सभी निर्देशों का पालन कडाई से हो. जहां 152 इकाइयों को फर्स्ट फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड नाम की एक इकाई से जुडे मामले में प्रतिबंधित किया गया है.

वहीं 108 इकाइयों को रैडफोर्ड ग्लोबल लिमिटेड से जुडे मामले में कार्रवाई का सामना करना पडा है. यह कार्रवाई ऐसे समय की गयी है जब सरकार ने विदेशों एवं देश में रखे गये काला धन का पता लगाने के लिये अभियान तेज कर दिया है. पहले मामले में शेयर बाजार में पूरे दो साल 31 मार्च 2014 तक कारोबार हुआ.

जबकि दूसरा मामला जनवरी 2013 से लेकर एक साल से अधिक की अवधि का है. आपने आदेश में सेबी ने कहा कि प्रतिबंधित इकाइयों ने शेयर बाजार में काम करने के लिये जो तौर-तरीके अपनाये, उसका मकसद दीर्घकालीन पूंजी लाभ कर से बचना तथा आय को शेयर बाजार के जरिये कानूनी रुप से कमाई गयी आय के रूप में दिखाना था.

सेबी ने कहा कि प्रथम दृष्ट्या प्रतिभूति बाजार में धोखाधडी तथा उसके दुरुपयोग पाया गया है. पहले मामले में प्रतिबंधित इकाइयों में कंपनी, उसके सात प्रवर्तक तथा निदेशक, 80 तरजीही आबंटी, 57 फर्स्ट फाइनेंशियन ग्रुप इकाइयां तथा इकाइयों से संबंधित सात अन्य संदिग्‍ध शामिल हैं.

रैडफोर्ड मामले में सेबी ने कंपनी, उसके चार निदेशकों, एक प्रवर्तक इकाई, एक समूह कंपनी के दो निदेशकों, 49 तरजीही आबंटी, रैडफोर्ड ग्रुप की 29 इकाइयां, पांच संदिग्ध इकाइयां तथा सात अन्य को प्रतिबंधित किया है.

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