नयी दिल्ली : छुट्टियों के कारण कम कारोबारी सत्र वाले सप्ताह के दौरान वायदा एवं विकल्प सौदों की समाप्ति के बीच शेयर बाजार में उतार चढाव देखने को मिल सकता है. शेयर बाजार विशेषज्ञों ने यह राय व्यक्त की है. इसके अलावा संसद के मंगलवार को समाप्त होने जा रहे शीतकालीन सत्र के दौरान प्रमुख विधेयकों पर होने वाली प्रगति, रुस का घटनाक्रम और विदेशी कोषों का प्रवाह बाजार की दिशा तय करेंगे.
क्रिसमस के मौके पर गुरवार को शेयर बाजार बंद रहेंगे. रेलिगेयर सिक्योरिटीज लिमिटेड के खुदरा वितरण विभाग के अध्यक्ष जयंत मांगलिक ने कहा, ‘छुट्टियों के कारण कम कारोबारी सत्र वाले सप्ताह में उतार चढाव रहने की संभावना है क्योंकि बुधवार को वायदा एवं विकल्प खंड की समयसीमा समाप्त होने जा रही है.
कारोबारियों की निगाह संसद के शीतकालीन सत्र में होने वाले घटनाक्रमों पर भी रहेगी. संसद के शीतकालीन सत्र के अब मात्र दो दिन बचे हैं और कारोबारियों की निगाह बीमा जैसे कई महत्वपूर्ण विधेयक की स्थिति पर होगी.’ इसके अलावा बाजार की नजर रुपये और ब्रेंट कच्चे तेल पर भी होगी. ये बाजार की दिशा तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं.
उन्होंने कहा कि आगामी घटनाक्रमों पर विचार करते हुए हमें इस सप्ताह सेंसेक्स में वृहद दायरे में उतार चढाव की संभावना दिख रही है. बहुप्रतीक्षित वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) विधेयक, जिसके कारण पूरी कर प्रणाली में बदलाव आयेगा, को शुक्रवार को लोकसभा में पेश किया गया.
जियोजित बीएनपी परिबास फाइनेंशल सर्विसेज के आधारभूत शोध विभाग के प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि सच्चाई यह है कि वैश्विक जोखिम कायम है. विशेषकर यूरोप और तेल उत्पादक देशों में सुस्ती छा रही है इसको लेकर काफी आशंका है. यूरोप, ओपेक, चीन और रुस में संरचनात्मक मुद्दे छाये हुए हैं.
उन्होंने कहा कि इस बीच शीतकालीन सत्र में जीएसटी एक आश्चर्य के रुप में सामने आया है. बीते सप्ताह सेंसेक्स 21.16 अंक की मामूली तेजी के साथ 27,371.84 अंक पर बंद हुआ.
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