नयी दिल्ली : संसद की एक समिति ने रेलवे से एडवांस ई टिकट प्रणाली लागू करने की अपनी योजना का खाका पेश करने को कहा है जिसके तहत प्रतिदिन सात लाख टिकट बुक करने की बात कही जा रही है. समिति ने तत्काल टिकटों की परिवर्तनशील भाड़ा प्रणाली से भी नाखुशी जताई है.
रेलवे ने प्रणाली को बेहतर बनाने की पहल की है ताकि जब तत्काल बुकिंग शुरू हो तब व्यस्त समय में निर्बाध तरीके से काम हो सके. लोक लेखा समिति ने रेलवे से इस कार्य के लिए जरूरी अतिरिक्त संसाधन और खर्च का ब्यौरा देने के साथ यह भी बताने को कहा है कि यह योजना कब तक पूरी हो सकेगी.
समिति ने कहा कि रेल मंत्रालय एडवांड ई टिकट प्रणाली को लागू करने का खाका या विस्तृत मास्टर प्लान पेश करे. रेल में तत्काल टिकटों की परिवर्तनशील भाड़ा प्रणाली से नाखुशी जाहिर करते हुए एक संसदीय समिति ने कहा कि यह प्रणाली असमानता को वैध बना रही है.
संसद में पिछले सप्ताह पेश लोक लेखा समिति की रिपोर्ट में कहा गया है कि हाल ही में सरकार के आदेश के आलोक में आधे तत्काल टिकटों को परिवर्तनशील भाड़ा प्रणाली में डाला गया है जहां निर्धारित मूल्य से अधिक मूल्य (प्रीमियम) के आधार पर इनकी बिक्री की जा रही है.
समिति ने कहा कि अब हो यह रहा है कि जो लोग अधिक मूल्य देने में समर्थ है और जिन्हें इंटरनेट सेवा उपलब्ध है, उन्हें तो आसानी से आरक्षित बर्थ मिल जाती है जबकि जिनके पास यह सुविधा उपलब्ध नहीं है, उन्हें आरक्षित बर्थ नहीं मिल पाती है.
समिति ने कहा कि यह प्रणाली असमानता को वैध बना रही है. रेल मंत्रालय को गरीबों के हितों के बारे में सोचना चाहिए और तत्काल जैसी सेवाओं पर समानता के दृष्टिकोण से भी विचार करना चाहिए.
रिपोर्ट में कहा गया है कि समिति चाहती है कि मंत्रालय तत्काल आरक्षण टिकटों पर लिये जाने वाले अधिक मूल्य (प्रीमियम) को कम करके न्यूनतम आवश्यक स्तर पर रखे. तत्काल आरक्षण को व्यवहार्य बनाया जाए और इंटरनेट द्वारा बुक की जाने वाली टिकटों की संख्या सीमित की जाए.
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