सरकार कसेगी मनमाने विमान किरायों पर नकेल

नयी दिल्ली : सरकार इकोनॉमी श्रेणी में विमान यात्रा के लिए अधिकतम किराये की सीमा 20,000 रुपये तय करने पर विचार कर रही है. इससे एयरलाइंस न तो मनमाना किराया वसूल सकेंगी और न ही बाजार को बिगाडने वाले किराये की पेशकश कर सकेंगी, जिससे उनकी खुद की वित्तीय सेहत प्रभावित हो. सरकार की तरफ […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 24, 2014 9:28 PM
नयी दिल्ली : सरकार इकोनॉमी श्रेणी में विमान यात्रा के लिए अधिकतम किराये की सीमा 20,000 रुपये तय करने पर विचार कर रही है. इससे एयरलाइंस न तो मनमाना किराया वसूल सकेंगी और न ही बाजार को बिगाडने वाले किराये की पेशकश कर सकेंगी, जिससे उनकी खुद की वित्तीय सेहत प्रभावित हो.
सरकार की तरफ से बजट एयरलाइन स्पाइसजेट प्रकरण के बाद यह प्रस्ताव सामने आया है. स्पाइसजेट पूरे साल के दौरान प्रतिस्पर्धा में आगे बने रहने के लिए निचले किरायों की पेशकश करती रही और अब स्थिति यह है कि वह खुद नकदी संकट से जूझ रही है.
नागर विमानन मंत्रालय के एक आंतरिक नोट में कहा गया है, न्यूनतम और अधिकतम हवाई किराया तय करने के लिए कदम उठाए जाने चाहिए.
इकोनॉमी श्रेणी में अधिकतम किराया करीब 20,000 रुपये तय करने की जरुरत है. सरकार का विचार है कि कई कंपनियां किरायों में भारी छूट की पेशकश की वजह से भारी घाटा उठाने की स्थिति में पहुंच गई हैं. कुछेक मामलों में तो किराये एयरलाइंस की परिचालन लागत को भी पूरा नहीं करते हैं.

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