एयरटेल उपभोक्ताओं को झटका, कंपनी ने इंटरनेट कॉल्स किया महंगा
नयी दिल्ली : भारती एयरटेल के ग्राहकों को अब इंटरनेट के जरिए कॉल करना महंगा पडेगा क्योंकि कंपनी 2जी नेटवर्क पर इस तरह की सेवाओं पर 10,000 रुपये प्रति जीबी तक शुल्क वसूलेगी. इंटरनेट पर स्काइप, वाइबर तथा अन्य एप्लीकेशन के जरिए कॉल की जाती है. एक अनुमान के अनुसार एक जीबी डाटा के इस्तेमाल […]
नयी दिल्ली : भारती एयरटेल के ग्राहकों को अब इंटरनेट के जरिए कॉल करना महंगा पडेगा क्योंकि कंपनी 2जी नेटवर्क पर इस तरह की सेवाओं पर 10,000 रुपये प्रति जीबी तक शुल्क वसूलेगी. इंटरनेट पर स्काइप, वाइबर तथा अन्य एप्लीकेशन के जरिए कॉल की जाती है. एक अनुमान के अनुसार एक जीबी डाटा के इस्तेमाल 10 घंटे तक वॉयस कॉल की जा सकती है.
यह विभिन्न कारकों मसलन गति, नेटवर्क की शक्ति आदि पर निर्भर करता है. वहीं वीडियो कॉल्स के लिए कहीं अधिक डाटा का इस्तेमाल करना पडता है. प्रस्तावित शुल्क 3जी नेटवर्क के लिए शुल्क से आधे से भी कम है. इस निजी कंपनी ने वायस कॉल ओवर इंटरनेट (वीओआईपी) सेवाओं के लिए अतिरिक्त शुल्क लगाने का फैसला किया है.
एयरटेल ने अपनी वेबसाइट पर यह जानकारी दी है. इसके अनुसार उसके सभी तरह के इंटरनेट व डेटा पैक या प्लान केवल इंटरनेट ब्राउजिंग के लिए वैध होंगे और वीओआईपी सेवा इसमें शामिल नहीं होगी. डेटा कनेक्टिविटी के जरिए वीओआईपी के लिए 4 पैसे प्रति 10 केबी (3जी सेवा) तथा 10 पैसे प्रति 10 केबी (2जी सेवा) की दर से शुल्क वसूला जाएगा.
उक्त मानक दरों के आधार पर 3जी नेटवर्क पर वीओआईपी के लिए एक जीबी डेटा की लागत लगभग 4000 रुपये तथा 2जी नेटवर्क पर लगभग 10,000 रुपये होगी. विभिन्न योजनाओं के तहत एयरटेल 1 जीबी डेटा (3जी) 249 रुपये में जबकि 1 जीबी डेटा (2जी) 175 रुपये में बेचती है.
देश में पहली बार किसी मोबाइल कंपनी ने वीओआईपी सेवाओं के लिए अलग से शुल्क लगाने का फैसला किया है. मोबाइल कंपनियां लंबे समय से मांग कर रही हैं कि व्हाट्सएप, स्काइप जैसी ओटीटी कंपनियों को नियमन के दायरे में लाया जाए. वहीं साइबर सुरक्षा तथा इंटरनेट प्रशासन से जुडे मुद्दों से जुडे संगठन इंडिया इन्फोसेक कंसोर्टियम ने (आईआईसी) ने भारती एयरटेल के इस कदम की आलोचना की है.
आईआईसी के सीईओ जितेन जैन ने वीओआईपी काल पर अनाप-शनाप शुल्क लगाने की कोशिशों को मोबाइल कंपनियों के लालच का परिणाम बताया है. उन्होंने कहा कि यह नेट निष्पक्षता की मूल अवधारणा के खिलाफ है. सस्ती इंटरनेट टेलीफोन की जरुरत का समर्थन व इसकी रक्षा की जानी चाहिए.
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