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बीमा क्षेत्र में एफडीआई पर अध्‍यादेश से उत्‍साहित आरकैप विदेशी पूंजी को आकर्षित करने की तैयारी में

नयी दिल्ली : अध्यादेश के जरिए बीमा क्षेत्र में और बडी विदेशी हिस्सेदारी आमंत्रित करने की छूट मिलने के बाद अनिल अंबानी की अगुवाई वाले रिलायंस समूह ने अपने साधारण व स्वास्थ्य बीमा उद्यमों में विदेशी हिस्सेदारी 49 प्रतिशत तक ले जाने के लिए विदेशी साझीदार की तलाश शुरू कर दी है. समूह की वित्तीय […]

नयी दिल्ली : अध्यादेश के जरिए बीमा क्षेत्र में और बडी विदेशी हिस्सेदारी आमंत्रित करने की छूट मिलने के बाद अनिल अंबानी की अगुवाई वाले रिलायंस समूह ने अपने साधारण व स्वास्थ्य बीमा उद्यमों में विदेशी हिस्सेदारी 49 प्रतिशत तक ले जाने के लिए विदेशी साझीदार की तलाश शुरू कर दी है.

समूह की वित्तीय सेवा कंपनी रिलायंस कैपिटल जापान की दिग्गज कंपनी निप्पन लाइफ को रिलायंस लाइफ इंश्योरेंस कंपनी में उसकी हिस्सेदारी मौजूदा 26 प्रतिशत से बढाकर 49 प्रतिशत करने के विषय में जल्द ही ‘सक्रिय बातचीत’ शुरू करेगी. रिलायंस कैपिटल के सीईओ सैम घोष ने बातचीत में कहा, ‘हमारे जीवन बीमा कंपनी में अतिरिक्त हिस्सेदारी देने के संबंध में निप्पन से चर्चा शुरू हो चुकी है.

वहीं स्वास्थ्य बीमा कारोबार के लिए संभावित विदेशी भागीदारों और बाकी साधारण बीमा कारोबारों में भी बढी हुई सीमा के तहत किसी नये विदेशी भागादर के लिए सक्रिय बातचीत शुरू की जाएगी. घोष ने कहा कि जहां निप्पन लाइफ रिलायंस लाइफ में अपनी हिस्सेदारी बढाकर 49 प्रतिशत करने की इच्छुक है,

रिलायंस कैपिटल अपने साधारण बीमा उद्यम में 49 प्रतिशत हिस्सेदारी के लिए एक नया विदेशी साझीदार ला सकती है. उन्होंने कहा कि इसके अलावा, कंपनी की योजना अपने स्वास्थ्य बीमा कारोबार को अलग कर उसे कंपनी में तब्दील करने की है और कंपनी इस उद्यम में भी 49 प्रतिशत तक हिस्सेदारी के लिए एक नया रणनीतिक साझीदार जोडने की संभावना तलाशेगी.

घोष ने कहा कि कंपनी के कुल साधारण बीमा कारोबार में स्वास्थ्य बीमा का 25 प्रतिशत योगदान है और लंबी अवधि में इस कारोबार में विकास की जबरदस्त गुंजाइश है. स्वास्थ्य बीमा उद्योग वर्तमान में अनुमानित करीब 20,000 करोड रुपये का है और यह साल दर साल 30 प्रतिशत की दर से बढ रहा है.

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