कंपनियों के लिए धन जुटाना मुश्किल हो गया है : सेबी अध्यक्ष

नई दिल्ली : बाजार नियामक सेबी ने आज कहा कि कंपनियों के लिए पूंजी बाजार से धन जुटाना चुनौतीपूर्ण हो गया है और भारत सहित अन्य एशियाई देशों में आईपीओ खंड बड़ी नरमी के दौर से गुजर रहा है.सेबी के अध्यक्ष यू के सिन्हा ने कहा कि बाजार के मुश्किल हालात के कारण कंपनियों को […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 16, 2013 12:47 PM

नई दिल्ली : बाजार नियामक सेबी ने आज कहा कि कंपनियों के लिए पूंजी बाजार से धन जुटाना चुनौतीपूर्ण हो गया है और भारत सहित अन्य एशियाई देशों में आईपीओ खंड बड़ी नरमी के दौर से गुजर रहा है.सेबी के अध्यक्ष यू के सिन्हा ने कहा कि बाजार के मुश्किल हालात के कारण कंपनियों को अच्छा निवेश मिलने के मामले में चुनौती पेश कर रहा है जबकि प्राथमिक बाजार में नरमी के कारण आईपीओ पूर्व निवेशकों के लिए निकलना मुश्किल हो रहा है.

उन्होंने यहां उद्यम पूंजी निवेश पर आयोजित वैश्विक सम्मेलन के दौरान कहा ‘‘धन जुटाने, बाजार से निकलने और अच्छी कीमत पर निवेश मिलने के मामले में चुनौती पेश आ रही है. भारत और एशिया में प्राथमिक बाजारों में उल्लेखनीय गिरावट हुई है.’’बाजार की कमजोरी के बीच निजी इक्विटी फंड, उद्यम पूंजी इकाइयां और अन्य निवेशक कंपनियों में निवेश करने से बच रहे हैं क्योंकि आंरभिक सार्वजनिक पेशकश(आईपीओ )के जरिए इन कंपनियों से बाहर निकलना मुश्किल हो रहा है.

आईपीओ बाजार लंबे समय से कठिनाई के दौर से गुजर रहा है और चालू वित्त वर्ष 2013-14 के पहले दो महीने में कुल मिलाकर सिर्फ करीब 928 करोड़ रपए के तीन आईपीओ आए.

इससे पहले 2012-13 में 15,000 करोड़ रपए से अधिक राशि के 49 आईपीओ आए जबकि 2011-13 में 12,800 करोड़ रपए के 108 आईपीओ आए.

इसके मुकाबले वित्त वर्ष 2010-11 में 57,000 करोड़ रपए के 80 आईपीओ पेश हुए थे जबकि 2009-10 में 55,000 करोड़ रपए के 72 आईपीओ आए.

कंपिनयों के लिए आईपीओ के जरिए धन जुटाना मुश्किल हो रहा है जबकि उन निवेशकों को भी नुकसान उठाना पड़ा है जिन्होंने शेयर बाजार और विभिन्न आईपीओ में निवेश किया था क्योंकि शेयरों की कीमत मूल निवेश से नीचे जा रही है.

अनिवार्य सुरक्षा तंत्र के जरिए आईपीओ में निवेश करने वाले छोटे निवेशकों के कुछ हिस्सो को सुरक्षा प्रदान करने के संबंध में हाल में प्रस्तावित पहल के बारे में सिन्हा ने कहा कि ऐसी पहल का कड़ा विरोध हो रहा है क्योंकि बाजार की कुछ इकाइयों का मानना है कि ऐसे प्रावधानों से बाजार मूल्य तय करने के आड़े आएगी.

उन्होंने कहा ‘‘हमे सुरक्ष तंत्र के खिलाफ कड़ी टिप्पणियां मिली हैं. सेबी इन विचारों पर गइराई से विचार करेगी। यदि हमें इसे लागू करना है तो हमें इस मामले पर और विचार करने की जरुरत है.’’सिन्हा ने यह भी कहा कि सेबी सूचीबद्धता खत्म करने से जुड़े नियमों पर फिर से विचार कर रहा है क्योंकि कुछ कंपनियां शेयर बाजार से अपने शेयर गैर-सूचीबद्ध करना चाहती हैं.

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