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कालाधन मामलाः 1,000 से अधिक इकाइयों की जांच कर रही है सेबी

मुंबई: शेयर बाजार के जरिए कर चोरी तथा स्याह को सफेद करने वालों के खिलाफ शिकंजा कसते हुए पूंजी बाजार नियामक सेबी ने कम से कम 1,000 व्यक्ति और कंपनियां सेबी की छानबीन शुरु की है. इनमें से ज्यादातर कंपनियां कागजों पर हैं. सेबी फिलहाल इन कंपनियों और व्यक्तियों द्वारा प्रतिभूति बाजार से संबंधित उल्लंघन […]

मुंबई: शेयर बाजार के जरिए कर चोरी तथा स्याह को सफेद करने वालों के खिलाफ शिकंजा कसते हुए पूंजी बाजार नियामक सेबी ने कम से कम 1,000 व्यक्ति और कंपनियां सेबी की छानबीन शुरु की है. इनमें से ज्यादातर कंपनियां कागजों पर हैं. सेबी फिलहाल इन कंपनियों और व्यक्तियों द्वारा प्रतिभूति बाजार से संबंधित उल्लंघन पर ही गौर कर रहा है. इन पर कम से कम 25 सूचीबद्ध कंपनियों के शेयरों में सौदों के जरिये कर अपवंचना और कालेधन को सफेद दिखने वाले धन में बदलने का संदेह है.

ये शेयर बाजार के कारोबार में नफा या नुकसान दिखाकर कालेधन को सफेद करती है. सूत्रों ने बताया कि इस तरह की कंपनियों और व्यक्तियों द्वारा डेरिवेटिव्ज कारोबार के इस्तेमाल पर नजरें लगाये हुये है. उसने आयकर विभाग, प्रवर्तन निदेशालय और वित्तीय आसूचना यूनिट को भी मामले में आगे जांच के लिये कहा है.
जिन 25 सूचीबद्ध कंपनियों के शेयरों में खरीद फरोख्त का शक है उनमें जांच पडताल काफी आगे तक पहुंच गई है. बिना किसी बुनियादी वजह के ही इनके शेयरों में काफी बढत दर्ज की गई. बाजार नियामक जांच का दायरा बढ़ा भी सकता है. इसके साथ ही इस तरह की इकाइयों की संख्या भी काफी बढ सकती है.
जिन 1,000 से अधिक इकाइयों पर सेबी की निगाह है, उनमें व्यक्तियों से लेकर उनके द्वारा बनाई गई मुखौटा कंपनियां शामिल हैं. ये कंपनियों वास्तव में उन लोगों से जुडी हैं जिनपर सेबी अथवा दूसरे नियामकों की तरफ से पहले ही कारवाई की जा रही है. इनमें से कुछ तो हाल में सामने आये बडे घोटालों में भी फंसे हैं.
सूत्रों के अनुसार इन घोटालों में ‘कर्ज के लिये नकदी घोटाला’, जिसकी जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) कर रही है. इसके अलावा नेशनल स्पॉट एक्सचेंज लिमिटेड (एनएसईएल) घोटाला भी है जिसकी जांच कई नियामक और एजेंसियां कर रहीं हैं. इनमें से कुछ तो कई दूसरी सूचीबद्ध कंपनियों के प्रवर्तक हैं या फिर शीर्ष कार्यकारी अधिकारी हैं. इन कंपनियों के जरिये पिछले दो तीन साल के दौरान हजारों करोड रूपये के अवैध सौदे किये गये.
सूत्रों का कहना है कि इनमें से कई कंपनियां ऐसी हैं जो कि प्रतिभूति बाजार में बार-बार गड़बड़ करती हैं और इनमें से कई तो अपनी पुरानी पहचान छुपाने के लिये नई मुखौटा कंपनियां बना लेतीं हैं.सूत्रों के अनुसार हालांकि, ठीक ठीक यह बताना मुश्किल है कि शेयर बाजारों में सौदे के जरिये कितना कालाधन सफेद किया गया और कितने रुपये के कर की चोरी की गई लेकिन इस तरह की अवैध गतिविधियों के विस्तार को देखते हुये यह राशि हजारों करोड रुपये में तो आसानी से पहुंच जायेगी.
केवल दो ही मामलों में,जहां सेबी ने अंतरिम आदेश पारित किया है, इस तरह की अवैध गतिविधियों से अनुमानत: 500 करोड़ रुपये का फायदा होना सामने आया है.सेबी ने इन गतिविधियों में लिप्त रहने की आशंका के तहत ही इस महीने की शुरुआत में 260 व्यक्तियों और कंपनियों को प्रतिभूति बाजार में जाने से रोक लगा दी थी.यह नियामक की तरफ से बड़ी कारवाई थी.

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

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